महाकाल की पूजा-अर्चना पर सियासत: झांझ-मंजीरे बजाकर कांग्रेस ने किया प्रदर्शन, मंदिर समिति से की यह मांग

Posted By: Himmat Jaithwar
2/8/2021

उज्जैन:  विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर में पूजा-अर्चना स्तुति पर भी सियासत शुरू हो गई है. रविवार को मंदिर के सामने कांग्रेस कार्यकर्ता प्रदर्शन करते नजर आए. कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कलेक्टर से मांग करते हुए कहा कि महाकालेश्वर मंदिर में अल सुबह होने वाली भस्म आरती में श्रद्धालुओं को जल्द प्रवेश दिया जाए. साथ ही भस्म में शामिल होने के लिए ऑनलाइन सिस्टम को बंद किया जाए.

दरअसल, कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से लगाए गए लॉकडाउन की वजह से भस्म आरती में श्रद्धालुओं के प्रवेश को प्रतिबंधित कर दिया गया था. जिसकी वजह से श्रद्धालुओं को ऑनलाइन या फिर महाकालेश्वर के ऐप के जरिए बुकिंग करने पर ही शामिल होने दिया जाता है. इसी को लेकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने विरोध किया. महाकाल मंदिर समिति से अनुरोध करते हुए कार्यकर्ताओं ने कहा कि दूर- दूर से आने वाले श्रद्धालुओं  को सुचारू रूप से दर्शन मिल सके, इसलिए आम लोगों का प्रवेश जल्द शुरू किया जाए और दर्शन के लिए ऑनलाइन व्यवस्था को बंद किया जाए. 

झांझ-मंजीरे और भजन गाते नजर आए कांग्रेस कार्यकर्ता
कांग्रेस कमेटी उज्जैन के कार्यकर्ता महाकाल मंदिर के सामने बैठ कर झांझ-मंजीरे और भजन गाते हुए प्रदर्शन करते नजर आए. प्रदर्शन में न सिर्फ पुरुष कार्यकर्ता बल्कि महिला कार्यकर्ता भी थीं. कांग्रेस नेत्री माया त्रिवेदी ने मंदिर समिति पर आरोप लगाते हुए कहा कि समिति कई लोगों का रोजगार छीनने का काम कर रहा है. क्योंकि आरती के दौरान सुबह लोगों की भीड़ लगती थी, जिसके कारण कई लोगों को रोजगार मिलता था. लेकिन अब कई व्यस्थाओं को खत्म कर दिया गया है.

महाकाल मंदिर में अभी है यह व्यवस्था

कोरोना काल से ही मार्च माह में महाकाल मंदिर को आम श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिया गया था. जिसके बाद अल सुबह होने वाली आरती भी बिना श्रद्धालुओं के ही होने लगी है. एक समय भस्म आरती के लिए लोग कतार में लग कर अपनी बारी का इंतजार करते थे. अनलॉक-2 के बाद से महाकाल मंदिर को केंद्र सरकार की गाइड लाइन का पालन करते हुए आम श्रद्धालु के लिए खोला गया. लेकिन सिर्फ एक दिन पहले ऑनलाइन या एप के माध्यम से प्री बुकिंग वाले श्रद्धालुओं को ही अनुमित दी गई. आज भी सिर्फ प्री बुकिंग वाले श्रद्धालुओं को ही मंदिर में प्रवेश मिल पाता है, जबकि बाकी श्रद्धालुओं के लिए भस्म आरती के द्वार बंद हैं. 



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