मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि अभ्युदय योजना में आईएएस, आईपीएस, आईएफएस, पीसीएस और राज्य स्तरीय अधिकारियों को अभ्यर्थियों की मेंटरशिप का काम करना होगा। उनके समर्पित भाव से किए गए काम को वार्षिक गोपनीय प्रविष्टि (एसीआर) में ‘विशिष्ट प्रविष्टि’ के रूप में दर्ज किया जाएगा। इस योजना का शुभारंभ बसंत पंचमी के पावन पर्व पर 16 फरवरी को किया जाएगा। 10 फरवरी से पंजीकरण होगा। मुख्यमंत्री के निर्देश पर मुख्य सचिव आरके तिवारी ने ‘मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना’ के संचालन संबंधी आदेश जारी कर दिया है। बसंत पंचमी से हर मंडल मुख्यालय पर एक मुफ्त प्रशिक्षण केंद्र मंडलायुक्त की अध्यक्षता में चलाया जाएगा। अगले चरण में इसे हर जिले में शुरू किया जाएगा।
इन परीक्षाओं के लिए होगी कोचिंग
इसमें संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित परीक्षाएं, उप्र लोक सेवा आयोग, अधीनस्थ सेवा चयन आयोग, अन्य भर्ती बोर्ड व संस्थाओं द्वारा आयोजित परीक्षाओं की तैयारियां कराई जाएंगी। इसके साथ ही एनटीए द्वारा आयोजित जेईई (मेन्स) और नीट की परीक्षाएं, एनडीए, सीडीएस, अन्य सैन्य सेवाएं, अर्द्धसैनिक, केंद्रीय पुलिस बल की भर्ती संबंधी, बैंकिंग पीओ, एसएससी, बीएड, टीईटी और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के साथ संघ लोक सेवा आयोग, उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की मुख्य परीक्षाएं व साक्षात्कार की तैयारियां कराई जाएंगी।
सूचना विभाग ई-लर्निंग कंटेंट प्लेटफार्म एक पोर्टल के रूप में बनाएगा। इस प्लेटफार्म पर विभिन्न अधिकारियों द्वारा परीक्षा की तैयारी संबंधी अपने अनुभव साझा करते हुए वीडियो अपलोड किए जाएंगे। विषय से संबंधित विशेषज्ञों को 1000 रुपये प्रति बैठक की दर से मानदेय दिया जाएगा। प्रत्येक सत्र में मंडल स्तरीय समिति की कम से कम पांच बैठकें आयोजित की जाएंगी। प्रशिक्षु आईएएस, आईपीएस, भारतीय वन सेवा, पीसीएस व अन्य राज्य स्तरीय सेवाओं के अधिकारियों द्वारा आवश्यक रूप से इन अभ्यर्थियों का मार्गदर्शन किया जाएगा अैर कक्षाएं ली जाएंगी। इसे उनके द्वारा एकेडमी में होने वाले प्रशिक्षण पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया जाएगा। एक व्याख्यान की अवधि 90 मिनट होगी।