एडीजी जी. जनार्दन का ऑडियो किया था वायरल, खुद निकला भू-माफिया, 2 पोकलेन, 5 जेसीबी ने रसूख को किया जमींदोज

Posted By: Himmat Jaithwar
1/21/2021

जबलपुर। माफिया विरोधी अभियान के क्रम में गुरुवार सुबह प्रशासन, पुलिस और नगर निगम के संयुक्त अमले ने शमीम कबाड़ी के दो कब्जों को ध्वस्त कर दिया। कबाड़ी ने पंचायत की भूमि पर कब्जा कर मकान और गोदाम बना लिया था। वहीं, चांटी गांव में अवैध तरीके से बनाए गए दो मंजिला भवन, गोदाम, दुकान को भी तोड़ा गया। पिपरिया गांव में 12 एकड़ शासकीय भूमि मुक्त कराई गई। कुल 15 करोड़ की संपत्ति मुक्त कराई गई। शमीम कबाड़ी गोहलपुर थाने का निगरानी बदमाश है। उसके खिलाफ रेलवे स्क्रैप चोरी के पांच प्रकरण दर्ज हैं। 2017 में एसटीएफ ने रेलवे स्क्रैप चोरी मामले में उस पर बड़ी कार्रवाई की थी। शहडोल रेंज के पूर्व एडीजी जी. जनार्दन का पूर्व में ऑडियो वायरल कर शमीम चर्चा में आ चुका है।

शमीम कबाड़ी के अवैध निर्माण को तोड़ा गया, आरोपी ने 1750 वर्गफीट पंचायत की भूमि पर कब्जा कर निर्माण कराया था।
शमीम कबाड़ी के अवैध निर्माण को तोड़ा गया, आरोपी ने 1750 वर्गफीट पंचायत की भूमि पर कब्जा कर निर्माण कराया था।

दो कब्जे तोड़े गए
जानकारी के अनुसार गोहलपुर निवासी मोहम्मद शमीम उर्फ शमीम कबाड़ी ने पनागर तहसील अंतर्गत खजरी पंचायत की शासकीय भूमि पर अवैध तरीके से कब्जा कर 1750 वर्गफीट हिस्से में निर्माण करा लिया था। उसने थोड़ी ही दूरी पर 800 वर्गफीट में एक गोदाम भी कब्जा कर बनाया था। दोनों ही कब्जों को संयुक्त अमले की अगुवाई में जेसीबी और पोकलेन मशीनों ने ढहा दिया। इसके बाद टीम ने चांटी गांव में नजर कबाड़ी के दो मंजिला भवन का 86 वर्गफीट में निर्मित हिस्सा तोड़ दिया। हाईकोर्ट ने इसे तोड़ने का आदेश दिया था।

15 वर्षों से 12 एकड़ शासकीय भूमि पर कब्जा

संयुक्त अमले ने इसके अलावा मोहनलाल पटेल के नाम से 1000 व 800 वर्गफीट भूमि का पट्‌टा आवंटित हुआ था। यह पट्‌टा उसे मकान बनाने के लिए आवंटित हुआ था, लेकिन वह गोदाम व दुकान बनाकर कमाई कर रहा था। इसे भी तोड़ दिया गया। वहीं, पिपरिया गांव में वीरेंद्र पटेल नाम के व्यक्ति ने 12 एकड़ शासकीय भूमि पर कब्जा कर गेहूं की फसल लगाई थी। वह पिछले 15 वर्षों से उस पर काबिज था। उसे भी प्रशासन ने कब्जे में ले लिया।

वर्ष 2017 में रेल लाइन की चोरी करने वाला शमीम कबाड़ी भू-माफिया भी निकला, आज इसी भवन को तोड़ा गया
वर्ष 2017 में रेल लाइन की चोरी करने वाला शमीम कबाड़ी भू-माफिया भी निकला, आज इसी भवन को तोड़ा गया

1683 मीटर रेल लाइन ही चोरी कर बेची थी
सीएसपी गोहलपुर अखिलेश गौर ने बताया कि शमीम कबाड़ी स्क्रैप चोरी में कई बार पकड़ा जा चुका है। 2017 में एसटीएफ ने उसे रेलवे स्क्रैप मामले में गिरफ्तार किया था। उसने कटनी-मुड़वारा रेल सेक्शन के बीच 1683 मीटर रेल लाइन ही चोरी कर ली थी। वर्ष 2013 व 2015 में चोरी के ट्रक खरदीने का भी उसके खिलाफ मामला दर्ज है। उस पर दर्ज पांच मामले सिर्फ स्क्रैप चोरी के हैं। एक प्रकरण मारपीट का भी है। गोहलपुर पुलिस का वह निगरानी बदमाश है। उसने अवैध गतिविधियों के बलबूते अकूत संपत्ति बनाई है।

अवैध कब्जों को तोड़ने की कार्रवाई के दौरान मौके पर एएसपी अमित कुमार, सीएसपी अखिलेश गौर समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
अवैध कब्जों को तोड़ने की कार्रवाई के दौरान मौके पर एएसपी अमित कुमार, सीएसपी अखिलेश गौर समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

पांच थानों का बल पहुंचा था कार्रवाई में
कार्रवाई के दौरान कुल दो पोकलेन, पांच जेसीबी मशीनें लगाई गई थीं। वहीं पुलिस और अतिक्रमण विभाग के 150 अमला लगाया गया था। इस मौके पर एसडीएम जबलपुर नम: शिवाय अरजरिया, एएसपी अमित कुमार, एसडीएम अधारताल ऋषभ जैन, सीएसपी अधारताल अशोक तिवारी, टीआई ओमती एसपीएस बघेल सहित माढ़ाेताल, हनुमानताल, भेड़ाघाट, मदनमहल टीआई और उनके थाने का बल पहुंचा था। मौके पर तहसीलदार राजेश सिंह, दिलीप चौहान, नायब तहसीलदार संदीप जायसवाल, नगर निगम के सहायक अतिक्रमण अधिकारी सागर बोरकर, उमेश सोनी, एहसान खान, नरेंद्र कुशवाहा, मुकेश पारस सहित अतिक्रमण दल मौजूद रहा।

वर्ष 2017 में रेलवे ट्रैक बेचने के बाद जब जीआरपी ने आरोपी शमीम कबाड़ी को गिरफ्तार किया था, तब उसने बीमारी का नाटक किया था। (फाइल फोटो)
वर्ष 2017 में रेलवे ट्रैक बेचने के बाद जब जीआरपी ने आरोपी शमीम कबाड़ी को गिरफ्तार किया था, तब उसने बीमारी का नाटक किया था। (फाइल फोटो)

जी जनार्दन के ऑडियो वायरल से आया था चर्चा में
12 अक्टूबर 2020 को एक ऑडियो वायरल हुआ था। इस ऑडियों में शमीम कबाड़ी तत्कालीन शहडोल रेंज के एडीजी जी. जनार्दन को धमकाते हुए रिश्वत का वीडियो वायरल करने की बात कह रहा था। वह कबाड़ से भरा ट्रक पकड़े जाने पर एडीजी से छुड़वाने का दबाव डाल रहा था। उसने धमकी दी थी कि वह लेन-देन संबंधी वीडियो वायरल कर पूर्व ट्रांसपोर्ट कमिश्नर बी. मधुकुमार की तरह बदनाम कर देगा। इसके बाद एडीजी को हटा दिया गया था।



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