भोपाल। समय पर लोन न चुकाने पर काेटक महिंद्रा बैंक ने मध्यप्रदेश के शाजापुर के एक किसान धीरज सिंह बेलदार का ट्रैक्टर जब्त कर लिया। उसे नीलाम भी कर दिया। लेकिन राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग से अब उसे अपनी इस कार्रवाई के लिए फटकार पड़ी है। आयाेग ने कहा कि भविष्य में डिफाल्टर बन जाने की आशंका के आधार पर इस तरह की कार्रवाई करना गलत है। इस टिप्पणी के साथ राज्य उपभोक्ता आयोग के फैसले को सही ठहराया गया है। साथ ही बैंक को आदेश दिया गया है कि वह पीड़ित किसान को पांच हजार रुपए मानसिक प्रताड़ना मुआवजा और 1 हजार रुपए केस खर्च हर्जाने के रूप में चुकाए। साथ ही किसान को 1 लाख 30 हजार 423 रुपए की रकम भी 9 फीसदी ब्याज के साथ वापस करे।
यह था मामला
किसान ने 2009 में बैंक से तीन लाख 23 हजार का लोन लेकर ट्रैक्टर खरीदा। उसकी 6 किस्त उसने समय पर अदा की। मगर सातवीं समय पर नहीं दे पाया। इसके बाद बैंक ने अक्टूबर 2010 में ट्रैक्टर जब्त कर उसे नीलाम कर दिया।
किसान ने जिला उपभोक्ता फोरम में निजी बैंक के खिलाफ शिकायत दी। जिला उपभोक्ता फोरम ने बैंक प्रबंधन को दोषी ठहराया और किसान के पक्ष में फैसला दिया। इसके बाद राज्य और राष्ट्रीय आयाेग ने भी किसान के पक्ष में ही निर्णय दिया। इन दोनों जगहों पर बैंक ने जिला फोरम के फैसले के खिलाफ अपील की थी।