खेत में पिता-पुत्र बनाते थे अवैध शराब, मानपुर में गुमटियों पर खपाते थे, अवैध कारोबार ऐसा कि गांव की गलियों में बिखरे पड़े थे शराब के क्वार्टर

Posted By: Himmat Jaithwar
1/13/2021

मुरैना। जहरीली शराब पीने से 16 लोगों की मौत के बाद मानपुर गांव में चारों तरफ मातम पसरा हुआ है। गांव के घरों के आगे शव रखे थे। मंगलवार की दोपहर का 1 बजकर 20 मिनट का समय था। गांव के नुक्कड़ पर 7-8 युवा कानाफूसी करते दिखे। 

युवक थोड़े चौके लेकिन अगले ही पल चेहरे पर गुस्से के भाव उभर आए। एक 22 वर्ष के युवक ने सबको चुप कराते हुए कहा कि अब सच छिपाने से क्या होगा, सब कुछ तो तबाह हो गया। युवक ने कहा कि मानपुर गांव से 2 किमी दूर एक खेत है अमरसिंह किरार का, जिसमें उसके बेटे गिर्राज किरार ने अवैध देशी शराब बनाने की फैक्टरी लगा रखी है।

उसके इस कारोबार में राजू त्यागी भी हाथ बंटाता था। इसी खेत में अवैध देशी शराब को प्लास्टिक के क्वार्टरों में भरकर पैक कर दिया जाता था और मानपुर, विसंगपुर, छैरा, सुमावली के इलाकों में सप्लाई कर दी जाती थी।

अवैध शराब बनाने-बेचने सहित जुए का सबसे का बड़ा अड्‌डा है छैरा

मुरैना-सबलगढ़ हाईवे पर स्थित छैरा-मानपुर गांव अवैध शराब बनाने, बेचने सहित जुए का सबसे बड़ा अड्‌डा है। सालों से यहां अवैध शराब बनाने व बेचने का कारोबार खुलेआम चल रहा है। हाईवे किनारे बनी गुमटियों व दुकानों पर खुलेआम शराब बिकती है लेकिन आबकारी विभाग व बागचीनी पुलिस ने कभी कोई बड़ा एक्शन नहीं लिया।

हालात यह है कि जहरीली शराब पीने से मरे केदार जाटव के नाती शैलेंद्र जाटव (12) ने भास्कर से चर्चा में बड़ी ही मासूमियत से कहा कि-हमारे यहां तो 50-50 रुपए में क्वार्टर मिलते हैं। इधर, जिन 7 लोगों पर एफआईआर दर्ज की है, उनमें 6 आपस में पिता-पुत्र हैं। गिर्राज व राजू त्यागी ओपी से ड्रमों में देशी शराब तैयार करके पैक करते थे। मुकेश इस अवैध शराब को गांव-गांव पहुंचाता था।

वहीं पप्पू शर्मा व उसका बेटा कल्ला शर्मा मानपुर स्थित अपनी दुकान से, रामवीर राठौर व उसका बेटा प्रदीप राठौर अपनी गुमटी से यह शराब बेचते थे। घटना के बाद गुमटियों में भरी शराब को अपने साथ लेकर तस्कर भाग गए है लेकिन नशे के कारोबार के निशान छोड़ गए है।

भतीजों के साथ खरीदने आया चाचा, जहरीली शराब के रूप में मौत ले गए

पहावली निवासी रामनिवास गुर्जर दोनों भतीजों बंटी (35) व जितेंद्र (27) के साथ करब बेचने के लिए छैरा आया था। 100 रुपए वाला शराब का क्वार्टर 50 रुपए में बिकते देख, तीनों ने खरीद ली। गांव पहुंचकर तीनों ने ये शराब पी और तबियत बिगड़ने पर अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां तीनों ने दम तोड़ दिया।

केमिकल कम-ज्यादा होने से जानलेवा

मुरैना जिले में पदस्थ रहे आबकारी अधिकारी ने बताया कि देशी शराब ओपी (शराब बनाने का केमिकल) और पानी से मिलकर बनती है। इसमें जैसे ही ओपी और पानी का अनुपात गड़बड़ाता है तो यह घातक हाे जाता है। यह केमिकल जहर का काम करता है। इससे लीवर और तिल्ली सिकुड़ने से जान चली जाती है।

पहली बार... केस दर्ज होने के 5 घंटे बाद 7 पर इनाम घोषित

जहरीली शराब से 16 लोगाें की मौत के मामले में बागचीनी पुलिस ने इस अपराध के नामजद 7 आरोपियों की गिरफ्तारी पर 10-10 हजार रुपए का इनाम घोषित किया है।

पुलिस अधीक्षक अनुराग सुजानिया ने मंगलवार की शाम जारी आदेश में आरोपी गिर्राज पुत्र अमर सिंह किरार, राजू पुत्र गिर्राज किरार, पप्पू पुत्र मातादीन पंडित, कल्ला पुत्र पप्पू पंडित, रामवीर पुत्र ऊधो तेली, प्रदीप तेली पुत्र रामवीर तेली सभी निवासी मानपुर व मुकेश पुत्र भोगीराम किरार निवासी छैरा की गिरफ्तारी के लिए इनाम घोषित किया है।

यह पहला मौका है जब पुलिस ने एफआईआर के पांच घंटे बाद ही सात आरोपियों पर इनाम घोषित कर दिया। जबकि दो आरोपी तो पुलिस की गिरफ्त में ही हैं।

इस गुमटी से अवैध शराब बेची जाती थी। घटना के बाद इसका सामान निकालकर बंद करके भाग गए शराब तस्कर।

इस गोमती से बेची जा रही थी अवैध शराब
इस गोमती से बेची जा रही थी अवैध शराब

दर्द की कहानी: 3 बार सीएम हेल्पलाइन पर कॉल किए, तब भी नहीं आई एंबुलेंस, चाचा ने तोड़ा दम

मा नपुर में सोमवार शाम 5 बजे के बाद जहरीली शराब पीने वालों की तबियत बिगड़ने लगी। इनमें मेरे चाचा ध्रुव सिंह पुत्र महाराज सिंह किरार शामिल थे। हमने गांव से ही बागचीनी पुलिस को सूचना दी। लेकिन कोई नहीं आया। गांव में चारों तरफ अफरा-तफरी मची थी।

2 घंटे बाद बागचीनी थाना प्रभारी आए और हमसे कहा कि इन्हें ट्रैक्टर से ही अस्पताल लेकर चलो। हमने सीएम हेल्पलाइन पर 3 बार एंबुलेंस भेजने के लिए कॉल किया, कोई सुनवाई नहीं हुई।

जब मैने चौथी बार सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत की तब उन्होंने भोपाल से ही सीधे मेरी एंबुलेंस के ड्राइवर से फोन पर बात कराई। 3 घंटे बाद एंबुलेस आई तो मेरे चाचा ध्रुव सिंह को मुरैना के बजाय जौरा ले गई। हम फिर वहां से अपने चाचा को उठाकर मुरैना अस्पताल की ओर भागे लेकिन रास्ते में उनकी मौत हो गई। काश! एंबुलेंस समय पर आ जाती तो हम अपने चाचा को बचा लेते। लेकिन ऐसा नहीं हो पाया।



Log In Your Account