नीमच: मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार मिलावटखोरों को उम्रकैद की सजा का प्रावधान कर चुकी है. कैबिनेट ने इस संबंध में कानून में संशोधन की मंजूरी दे दी है. नीमच जिले में मिलावटखोरी के आरोप में 5 लोगों पर रासुका की कार्रवाई भी हो चुकी है. फिर भी मिलावटखोर बेखौफ होकर अपने गोरखधंधे को अंजाम देने से बाज नहीं आ रहे हैं. मिलावटखोरी का एक नया मामले स्टेशन रोड के पास कुमारिया स्थित शशांक जायसवाल ट्रेडर्स के प्लांट में देखने को मिली है. खाद्य सुरक्षा अधिकारी ने रविवार रात इस प्लांट में छापा मारा तो अंदर की स्थिति देख वह चौक गए. प्लांट में लगी तीन मशीनों में कलौंजी के रिजेक्ट माल पर ब्लैक एशियन पेंट चढ़ाकर कलौंजी बनाई जा रही थी. जांच अधिकारी ने मौके से 3438 किलो तैयार मिलावटी कलौंजी जब्त की है, जिसे मार्केट में सप्लाई किया जाना था. प्लांट में काम कर रहे 4 मजदूरों को भी हिरासत में लेकर भगाना थाने भेजा है. यह फर्म दिनेश जायसवाल की है जो गुवाहाटी घूमने गए हैं. उनकी अनुपस्थिति में बेटा शशांक कामकाज देख रहा है. खाद्य अधिकारी संजीव मिश्रा के मुताबिक रविवार रात वह राज पैलेस के पास से गुजर रहे थे, तभी उन्होंने जायसवाल ट्रेडर्स प्लांट के बाहर कुछ संदिग्ध लोग दिखे. जब पास पहुंचे प्लांट के अंदर से मशीनों के चलने की आवाज आ रही थी. उन्होंने प्लांट के बाहर खड़े लोगों से पूछताछ की तो बताया गया कि कलौंजी साफ कर उसकी पैकिंग की जा रही है. शंका होने पर जब उन्होंने अंदर जाकर देखा तो चौंक गए. कलौंजी के रिजेक्ट माल पर मशीन से काला कलर चढ़ाकर इसे तैयार किया जा रहा था. प्लांट में कलौंजी की 10 से 20 छोटी बोरियां मिलीं. जब खाद्य अधिकारी ने प्लांट के अंदर अन्य कमरों को खुलवाया तो उनमें बड़ी मात्रा में कलौंजी से भरी बोरियां मिलीं. खाद्य अधिकारी संजीव मिश्रा ने तत्काल कलेक्टर को इसकी सूचना दी. कलेक्टर के निर्देश पर पुलिस टीम मौके पर पहुंची. खाद्य अधिकारी ने प्लांट के मैनेजर से रिजेक्ट माल को किस तरह कलर करके कलौंजी तैयार होती है यह पूरी जानकारी ली. इसके बाद जब्ती की कार्रवाई कर प्लांट सील कर दिया गया. मैनेजर और 3 मजदूरों को भगाना थाने ले जाया गया. खाद्य विभाग की टीम कलौंजी के रिजेक्ट माल व कलर के डिब्बों को परीक्षण के लिए भोपाल लैब भेजा है, रिपोर्ट आने पर आगे की कार्रवाई होगी.