इंदौर। 2015 में पाकिस्तान से भारत लौटी गीता के माता-पिता की खोज लगातार जारी है। अब तक कई परिवार गीता को अपनी खोई हुई बेटी बताते हुए दावा कर चुके हैं, लेकिन गीता के माता-पिता मिल नहीं पाए। परिवार को खोजने इंदौर की एक सामाजिक संस्था गीता को लेकर एक बार फिर से महाराष्ट्र और तेलंगाना की यात्रा पर रवाना हो गई थी। तीन दिन पहले तेलंगाना का एक परिवार गीता से मिलने आया था। उसने दावा किया है कि गीता उनकी बेटी है। यहीं के कुछ और परिवारों ने गीता को अपनी बेटी बताया है। इसी को देखते हुए संस्था के ज्ञानेंद्र पुरोहित गीता के साथ उन गावों में जा रहे हैं, जहां के परिवार दावा कर रहे हैं।
महाराष्ट्र और तेलंगाना बार्डर पर गीता के घर होने की संभावना है।
माता-पिता की खोज में गीता रविवार को जबलपुर ओवरनाइट एक्सप्रेस से तेलंगाना रवाना हुई। संस्था के ज्ञानेंद्र पुरोहित ने बताया कि उन्हें तेलंगाना के लोगों ने बताया है कि गंगाखेड़ा जो कि मराठवाड़ा नांदेड़ के आसपास, पूर्णा और परवाणी इलाके ऐसे हैं, जो गीता द्वारा बताई गई बचपन की यादों से समानता रखते हैं। इसके बाद एक महिला पुलिस आरक्षक, साधना बघेल सहित हमारी टीम गीता को लेकर महाराष्ट्र और तेलंगाना के उन क्षेत्रों में जा रहे हैं।
बचपन की यादों में मंदिर और नदी याद है
गीता कई बार अपनी बचपन की यादों में यह बता चुकी है कि घर के आसपास मंदिर, नदी और एक रेलवे स्टेशन था जो कि घर से ही दिखाई देता था। उन्हीं यादों की बात को मार्किंग करते हुए ज्ञानेंद्र पुरोहित और उनकी टीम अब परवाणी के आसपास के तीन रेलवे स्टेशन, जो कि कुछ-कुछ एक जैसे ही लग रहे हैं, वहां पर गीता के घर को खोजेंगे।