सिपाही की मीटिंग में समर्थक ने कहा- इनका पेट भरा है, इन्हें ही चुनना है; ‌वीडियो वायरल हुआ तो DIG ने किया सस्पेंड

Posted By: Himmat Jaithwar
12/27/2020

भोपाल के एक सिपाही का वीडियो इन दिनों काफी वायरल हो रहा है। यह पुलिसकर्मी मध्य प्रदेश भोपाल में होने वाले आगामी नगरीय निकाय चुनाव में पार्षद के लिए खड़े होने वाले हैं। इसको लेकर इलाके में एक बैठक आयोजित की गई, जिसमें मंगलवारा थाने में पदस्थ सिपाही मुकर्रम अली भी मौजूद थे। उनके समर्थक उन्हें नौकरी को लात मारकर पार्षद चुनाव में खड़े होने का समर्थन करते नजर आए।

समर्थक का कहना था कि हमें ऐसा नेता चुनना चाहिए, जिसका पेट पहले से भरा हो और वह सक्षम हो, ताकि वह हमारे काम कर सके। मुकर्रम इसके लिए सबसे उपयुक्त उम्मीदवार हैं। इसलिए हमें तन-मन और धन से उनका समर्थन करना चाहिए। मुकर्रम मंगलवारा थाने में पदस्थ हैं, वीडियो वायरल होने के बाद डीआईजी इरशाद वली ने तत्काल प्रभाव से मुकर्रम को सस्पेंड करते हुए पुलिस लाइन भेजने के आदेश भी जारी कर दिए हैं।

समर्थक में मुकर्रम के पक्ष में गढ़े कसीदे

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा यह वीडियो करीब 4 मिनट का है। इसमें एक समर्थक मुकर्रम के पक्ष में कसीदे गढ़ते नजर आया। वह कहता है कि मैं ज्यादा भूमिका नहीं बांधना चाहता। मैं अकेला ही चला था जानिब-ए-मंज़िल मगर लोग आते गए और कारवां बनता चला गया। हमारे मुकर्रम भाई ऐसे ही हैं। आज नौकरी को लात मारकर और उसे दांव पर लगाकर हमारे बीच आए हैं।

विधायक और सांसद का चुनाव आसान होता है, लेकिन पार्षद का चुनाव लड़ना लोहे के चबाने के बराबर है, क्योंकि उसे काम करना होता है। कहीं नाली चौक है, कहीं रास्ता बंद है, कहीं सड़क नहीं है, तो किसी के यहां पानी नहीं आ रहा। हर आदमी पार्षद से ही उम्मीद करते हैं। रात 2 बजे फोन लगाकर अपना काम करते हैं और अगर काम नहीं हुआ, तो धमकी भी देते हैं कि अगले चुनाव में देख लेंगे।

तीन महीने तक नहीं होंगे चुनाव

मध्य प्रदेश में कोविड 19 के संक्रमण को देखते हुए राज्य निर्वाचन आयोग ने नगरीय निकाय चुनाव और त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों को तीन महीने के लिए टाल दिया है। अब 20 फरवरी के बाद चुनावों पर निर्णय लिया जाएगा। इस संबंध में राज्य निर्वाचन आयोग ने शनिवार को आदेश जारी कर दिया है। नगरीय निकायों के दिसंबर -2020 एवं जनवरी-2021 में प्रस्तावित आम निर्वाचन, नगर परिषद नरवर जिला शिवपुरी को छोड़कर (माननीय उच्च न्यायालय के निर्णय अनुसार), 20 फरवरी 2021 के बाद कराए जाएंगे।



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