भय्यू महाराज की मौत के मामले में उनके करीबी अनुयायी मनमीत सिंह अरोरा का बचा हुआ प्रतिपरीक्षण मंगलवार को होगा। इसके पहले शुक्रवार को बयान के दौरान मनमीत ने कोर्ट को बताया था कि महाराज की मौत से कुछ घंटे पहले मेरी उनसे चर्चा हुई थी। महाराज ने कहा था कि कुहू आने वाली है। उसे लेने एयरपोर्ट चले जाना। कुछ और अनुयायी महाराष्ट्र से आने वाले हैं। उन्हें भी रिसीव कर लेना। चर्चा के दौरान ऐसा बिलकुल नहीं लगा कि वे तनाव में हैं। किसी तरह की परेशानी की बात भी उन्होंने मुझसे नहीं कही।
आरोपी शरद की ओर से अधिवक्ता धर्मेंद्र गुर्जर ने प्रतिपरीक्षण में पूछा था कि शरद और अन्य करीबियों के बारे में महाराज क्या बात करते थे। उनकी कोई शिकायत या नाराजगी की बात कही। मनमीत ने जवाब दिया कि महाराज के साथ 20 से 25 बार दो से तीन दिन की यात्राएं की, लेकिन एक बार भी उन्होंने किसी सेवादार के बारे में कुछ नहीं कहा। विनायक उनका सबसे खास सेवादार था। जहां तक शरद की बात है तो वह कभी महाराष्ट्र तो कभी इंदौर में रहता था।
डॉ. आयुषी कोरोना के कारण बयान देने नहीं पहुंचीं
भय्यू महाराज की पत्नी डाॅ. आयुषी कोरोना संक्रमित होने के कारण सोमवार को बयान देने कोर्ट नहीं पहुंचीं। दूसरी ओर, पुलिस द्वारा आरोपी बनाए गए शरद, विनायक ने महाराज की मौत वाले दिन के सीसीटीवी फुटेज, डीवीआर, कॉल डिटेल, मोबाइल और टैबलेट कोर्ट में पेश किए जाने की मांग की है। आरोपियों की ओर से उक्त इलेक्ट्रॉनिक्स गैजेट्स की रिपोर्ट कोर्ट में पेश होने के बाद उसकी एक प्रतिलिपि भी दिए जाने की मांग की गई है। सरकार इस अर्जी पर मंगलवार को जवाब देगी। पलक की ओर से सीनियर एडवोकेट अविनाश सिरपुरकर और शरद की ओर से अधिवक्ता धर्मेंद्र गुर्जर पैरवी कर रहे हैं। अब तक इस मामले में कुहू, महाराज की दो बहनों के ही बयान हो पाए हैं, जबकि सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस केस का निराकरण जल्दी से जल्दी किए जाने के आदेश दिए गए थे।