रायपुर. आज रामनवमी है। भगवान राम के जन्मोत्सव के साथ मां दुर्गा की आराधना का दिन। इस दिन लोग कन्याभोज कराते हैं। छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण से लड़ने के लिए कन्याओं ने अपने मासूम हाथों को आगे बढ़ाया। ये नन्हें वॉरियर अपना पिगी बैंक (गुल्लक) लेकर पुलिस और सरकार तक पहुंचे। बिलासपुर में जहां 12 साल की रूबी ने मुख्यमंत्री सहायता कोष में 1112 रुपए जमा किए। वहीं, रायपुर की 11 साल की योगिता और 7 साल की बहन रिया को लेकर थाने पहुंची और अपनी गुल्लक पुलिस को दे आई।
पिता की मौत हो चुकी है, दो साल से जमा कर रही थी पैसे
बिलासपुर के सीपत की रहने वाली 12 वर्षीया रूबी 8वीं की छात्रा है। उसने सीपत तहसील कार्यालय पहुंचकर तहसीलदार संध्या नामदेव को 1112 रुपए दान किए। इन पैसों को मुख्यमंत्री सहायता कोष में जमा कराने को कहा। रूबी ने बताया कि उसके पिता की 2 साल पहले बीमारी से मौत हो गई थी। इसलिए वह नहीं चाहती कि किसी के मम्मी-पापा की मौत बीमारी के कारण हो। रूबी और उसके भाई ऋषभ ने दो साल में अपने गुल्लक में 1112 रुपए जमा किए थे।
इसकी जानकारी सांसद अरुण साव को मिली तो उन्होंने दिल्ली से फोन पर रूबी से बातचीत की। रूबी ने बताया कि कोरोना बहुत खतरनाक बीमारी है। इससे लोगों की मौत हो रही है। किसी को घर से बाहर नहीं निकलना है। चूंकि मेरे पिताजी की मौत ऐसी ही बड़ी बीमारी से हुई थी। इसलिए मैंने और भाई ने गुल्लक तोड़कर एकत्र किए रुपयों को मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा करने का फैसला किया है। सांसद साव ने ऋषभ और उसके चाचा हेमंत से भी बात की। कहा- लाॅकडाउन खत्म होने पर वह मिलने के लिए आएंगे।
पिगी बैंक से निकले रुपयों से राशन मंगाकर गरीबों में बांटा
रायपुर के खम्हारडीह के चेक पॉइंट पर चेकिंग के दौरान 11 साल की योगिता गुल्लक लेकर पुलिस के पास पहुंची। योगिता अपने पिता के साथ आई थी। उसने गुल्लक को टीआई के सुपुर्द कर दिया। योगिता 6वीं कक्षा में पढ़ती है। पिता वीरेंद्र तिवारी शिक्षा विभाग में अधिकारी हैं।
वहीं, उरला में 7 साल की रिया अपने 4 साल के भाई अभय के साथ थाने आई। यहां उसने गुल्लक तोड़कर जमा किए 1450 रुपए निकाले। पिता के साथ आए दोनों बच्चों ने इन पैसों को गरीबों के लिए खर्च करने को कहा। पुलिस ने इन पैसों से राशन मंगाया और गरीबों को बांट दिया।