जबलपुर में करंट से हाथी की मौत के बाद साथी ने खोया आपा, मंडला में 2 लोगों पर हमला, एक की हालत गंभीर

Posted By: Himmat Jaithwar
11/30/2020

जबलपुर। बरगी के मोहास में बलराम हाथी (20) की शिकारियों द्वारा बिछाए गए करंट से मौत के बाद साथी हाथी राम बेकाबू हो गया है। वह काफी गुस्से में दिख रहा है। मंडला के बीजाडांडी वन परिक्षेत्र में उसने दो ग्रामीणों पर हमला किया। एक ग्रामीण के घर की बाड़ी में घुसकर नुकीले दांतों से पीठ पर हमला कर घायल कर दिया।

वहीं खेत की रखवाली कर रहे दूसरे ग्रामीण को सूंड से धक्का दे दिया। गुस्साए हाथी ने उसे रौंदने का भी प्रयास किया, लेकिन उसने भाग कर जान बचाई। सीसीएफ जबलपुर एचडी मेहिले के मुताबिक खतरनाक हो चुके राम का रेस्क्यू करने के लिए कान्हा व पेंच के डायरेक्टर मंडला वन विभाग की टीम के साथ उसे ट्रेंक्युलाइज करने की कोशिश कर रहे हैं।

टिकरिया रेंज में मिली लोकेशन
मंडला डीएफओ कमल अरोड़ा के मुताबिक राम हाथी की सोमवार को लोकेशन टिकरिया रेंज में मिली है। कान्हा नेशनल पार्क के डायरेक्टर एसके सिंह और पेंच के विक्रम सिंह परिहार की अगुवाई में वन विभाग की टीम टिकरिया रेंज में पहुंच चुकी है। ट्रेंक्युलाइज कर हाथी का रेस्क्यू किया जाएगा। उसे पकड़ कर कान्हा नेशनल पार्क में ले जाया जाएगा। कर्नाटका के विशेषज्ञों से भी बातचीत चल रही है। यदि जरूरत पड़ी तो उन्हें भी बुलाया जाएगा।

राम-बलराम की ये जोड़ी बिछड़ गई
राम-बलराम की ये जोड़ी बिछड़ गई

रविवार रात को दो ग्रामीणों पर किया हमला
तीन दिन से जबलपुर वन विभाग का अमला राम हाथी की लोकेशन पता करने में सफल नहीं हाे पाया था। रविवार को उसके पग मार्क जरूर नेवास रोड पर मनेरी औद्योगिक क्षेत्र में पाया गया था। रात सात बजे के लगभग मनेरी से वह बीजाडांडी वन परिक्षेत्र में पहुंच गया। यह बरगी के मोहास से बरगी से 45 किमी दूर है। राम हाथी ने सबसे पहले बीजाडांडी क्षेत्र के भैसवाही गांव निवासी भगत सिंह बैगा (45) की बाड़ी में घुस आया। उसने भगत सिंह के पीठ में दांत से हमला कर घायल कर दिया। यहां ग्रामीणों ने शोर मचाया तो वह खेतों की ओर भाग गया।
एक ग्रामीण को रौंदने का किया प्रयास
नगरार गांव निवासी राजकुमार यादव (55) खेत में रखवाली करने गए थे। राम हाथी ने गुस्से में उन्हें सूंड से धक्का देकर गिरा दिया। राजकुमार यादव के मुताबिक हाथी उन्हें रौंदने के लिए आगे बढ़ा था। उसने भाग कर किसी तरह अपनी जान बचाई। हाथी ने दूर तक उसका पीछा भी किया था। हाथी के गुस्से से पूरे क्षेत्र में दहशत है। ग्रामीण समूह में भाला, ढोल आदि लेकर हाथी से बचने की तैयारी में बैठे हुए हैं। दहशत में कोई घर से नहीं निकल रहा है और न ही खेतों में जा रहा है।
अप्रैल में सिवनी में एक ग्रामीण को मार डाला था
ग्रामीणों से मिले राम-बलराम के उपनाम वाले दोनों जंगली हाथियों ने अप्रैल 2020 में सिवनी में महुआ फूल एकत्र कर रहे घंसोर तहसील में एक ग्रामीण को मार डाला था। इसके बाद दोनों के द्वारा किसी को नुकसान नहीं पहुंचाया गया था। ओडिशा से भटक कर कान्हा आए 20 हाथियों के झुंड से राम-बलराम भटक कर सिवनी, मंडला, नरसिंहपुर, बालाघाट, डिंडोरी के वन क्षेत्रों में विचरण कर रहे थे।

27 नवंबर को बलराम हाथी की मोहास में करंट से हुई थी मौत
27 नवंबर को बलराम हाथी की मोहास में करंट से हुई थी मौत

24 नवंबर को जबलपुर में किया था प्रवेश
24 नवंबर को दोनों नर्मदा के किनारे से होते हुए बरेला में प्रवेश किए थे। वहां से दोनों 25 को बरगी में, 26 को मंगेली में दिखे थे। 27 नवंबर को बलराम हाथी का शव मोहास गांव के पास कैनाल किनारे मिला था। जंगली सुअर के लिए बिछाए गए करंट की चपेट में आने से उसकी मौत की पुष्टि पीएम रिपोर्ट में हुई है। इसके बाद से राम हाथी की तलाश चल रही थी।

ड्रोन कैमरे से राम हाथी का लोकेशन ढूंढ रहे
ड्रोन कैमरे से राम हाथी का लोकेशन ढूंढ रहे

बार्डर पर जबलपुर की टीम भी जुटी
जबलपुर डीएफओ अंजना सुचिता तिर्की के मुताबिक राम हाथी का लोकेशन भले ही बीजाडांडी में मिल चुका है, लेकिन उनकी टीम बरेला बार्डर पर लगी है। इधर आने की स्थित में यहां की टीम भी रेस्क्यू का प्रयास करेगी। सीमावर्ती गांव वालों को सतर्क किया जा रहा है। बच्चों के साथ महिलाओं को घर से न निकलने की ताकीद की जा रही है।



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