शाजापुर। शाजापुर के कौटिल्य कटारिया ने इंग्लैंड में 7 साल से कम उम्र में ही वर्ल्ड रिकाॅर्ड बनाने का कमाल कर दिखाया है। कौटिल्य ने पाइथन लैंग्वेज व कोडिंग सीखकर ऑनलाइन कम्प्यूटर प्रोग्रामर की परीक्षा पास करते हुए वर्ल्ड रिकाॅर्ड बनाया। उनका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकाॅर्ड में भी दर्ज हो गया।
कौटिल्य मूलत: शाजापुर जिले के ग्राम देंदला का निवासी है। जो वर्तमान में इंग्लैंड के नार्थम्प्टन शहर के वुडन पार्क स्कूल के सेकंड क्लास में पढ़ाई कर रहा है। कौटिल्य के पिता ईश्वरीयप्रसाद कटारिया वहां प्राइवेट बैंक के वाइस प्रेसीडेंट हैं। जो पूर्व जिला खेल कीड़ा अधिकारी बी.सी. कटारिया के बेटे हैं।
अंतिम बार वे 3 साल पहले साल 2017 में अपने गांव देंदला आए थे। कौटिल्य के दादा बी.सी. कटारिया ने बताया कि लॉकडाउन के कारण विदेशों में रहने वाले कई भारतीय अपने घर नहीं आ सके। मेरा बेटा ईश्वरीय उनमें से एक थे।
जिन्हें लॉकडाउन में इंग्लैंड में ही अपनी पत्नी व बच्चों के साथ वहीं रहना पड़ा। उस समय स्कूल बंद होने पर बेटे ईश्वरीय ने कौटिल्य को पुस्तकें खरीदकर दे दी। जो कम्प्यूटर प्रोग्रामिंग से जुड़ी हुई थी, उन्हीं पढ़कर पाेते कौटिल्य ने पाइथन लैंग्वेज सीख ली और अपनी खुद की वेबसाइट व टिक टेक टॉक नामक गेम बना डाले।
टर्निंग पाइंट: गिफ्ट में मिले लैपटॉप को बनाया जरिया
मां तृप्ति ने बताया स्वीमिंग और पजल के अलावा कौटिल्य को साइकिलिंग का शौक है। 6ठे बर्थडे पर उसके पापा ने लेपटॉप खरीदकर दिया था, सोचा था कि इससे वह खेलेगा। लेकिन उसने लैपटॉप को पूरा खोलकर रख दिया। बाद में वापस जोड़ दिया। हम तभी समझ गए थे कि यह कुछ अनोखा काम करेगा। अब तो कौटिल्य से बात करने पर हमें ऐसा लगता है मानो किसी डॉक्टरेट डिग्रीधारी व्यक्ति से बात कर रहे हो।
इंग्लैंड में छा गए कटारिया- 7 साल की उम्र पार करने वाले कौटिल्य पूरे इंग्लैंड में फेमस हो चुके हैं। अभी से ही उनके पास जॉब के ऑफर आना शुरू हो गए। आईबीएम के सॉफ्टवेयर इंजीनियर मुख्य मैनेजर एंटोनियो कैंगियानो ने बधाई देते हुए जवान होने पर कौटिल्य से मिलने की इच्छा जताई। साथ ही उसे नौकरी नहीं करने का मशविरा भी दिया है। इसके अलावा कई सेलिब्रिटियों ने बधाई दे रहे हैं।
इससे पहले अहमदाबाद के अरहम का नाम था दर्ज
कौटिल्य ने 6 से 7 माह के समयांतराल में कई प्रोग्रामिंग बना ली। जब मां तृप्ति को पता चला तो उन्होंने गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में सबसे छोटे प्रोग्रामर का नाम देखा। इसमें 6 साल 364 दिन के अहमदाबाद के अरहम ओम तलसानिया का नाम दर्ज था। जबकि कौटिल्य ने मुकाम 6 साल 346 दिन में ही पा लिया था। इस पर 6 सितंबर 2020 को तृप्ति ने बेटे का नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज कराने के लिए ऑनलाइन एप्लाय कर दिया। वेबसाइट ने भी सर्टिफिकेट प्रदान कर इसे प्रमाणित कर दिया है।
स्पेनिश सहित इंटरनेट से ही सीख ली तीन भाषा
पिता ने बताया कौटिल्य को बचपन से ही किताबें पढ़ने का शौक है। वह खेलने से ज्यादा मोबाइल पर भी ऑनलाइन किताबें ही पड़ता है। उसने स्पेनिश भाषा का ज्ञान भी अपने स्तर से ही ऑनलाइन सीख ली। बोलने व लिखने में वह इंग्लिश व हिंदी का उपयोग करता है। पाइथन लैंग्वेज सीखने के बाद लॉकडाउन में ही जावा स्क्रिप्ट, एचटीएमएल, सीएसएसथ्री लैंग्वेज में महारत हासिल की। कई गेम बनाएं, इसमें उसके द्वारा खुद का बनाया गेम बबल ब्लास्ट वह अपने भाई के साथ खुद खेलता है।