भाेपाल के विजय का जनरेटर सियाचिन में सेना के लिए बनाएगा बिजली, -50° में भी काम करेगा

Posted By: Himmat Jaithwar
11/27/2020

सियाचिन की -40 डिग्री तापमान वाली बर्फीली वादियाें में सेना के जवानाें तक बिजली पहुंचना आसान नहीं है। ऐसे में जवानाें काे जनरेटर से ही काम चलाना पड़ता है। लेकिन यहां जरूरत से ज्यादा ठंड पड़ने पर आम जनरेटर ज्यादा कारगर नहीं हाे पाते। इसे ध्यान में रखते हुए भाेपाल के विजय ममतानी ने ऐसा जनरेटर बनाया है जो अंतरिक्ष में भी काम करेगा। वे इस पर पांच साल से काम कर रहे हैं। विजय पहला जनरेटर सेना को देंगे।

इंडियन आर्मी ब्यूराे से उन्हें इसे बनाने का ऑर्डर मिला है। इसका पहला सफल ट्रायल सियाचिन आर्मी बेस कैंप पर 16 जनवरी से 1 फरवरी के बीच हो चुका है। विजय सेना को अगले साल अप्रैल में ये जनरेटर देंगे।

मै निट भोपाल से इंजीनियरिंग कर चुके टीटीनगर निवासी विजय अभी स्मार्ट सिटी स्टार्टअप इनक्यूबेशन सेंटर का हिस्सा हैं। उन्होंने दैनिक भास्कर काे बताया कि आर्मी डिजाइन ब्यूरो द्वारा पिछले साल दिसंबर में आरटेक-2019 एग्जीबिशन आयाेजित की गई थी। इसमें सेना के कई मेजर और कर्नल्स शामिल हुए। उन्हाेंने देशभर के युवाओं के ऐसे इनोवेशन देखे, जो मेड-इन-इंडिया थे और आर्मी के काम आ सकते हैं। इसी दाैरान उन्हें हमारा जनरेटर पसंद आया।

जनवरी में मेरे पास फोन आया कि क्या आप सियाचिन में अपना जनरेटर लेकर आ सकते हैं। यह फोन आर्मी बेसकैंप से मेजर रोहित शर्मा का था। उन्होंने बताया कि यहां 15000 फीट की ऊंचाई पर -40 डिग्री का तापमान है और -33 डिग्री पर फ्यूल जाम हो जाने के कारण वहां के वॉकी-टॉकी, लाइटिंग व हीटिंग सिस्टम और बैटरी चार्जिंग सिस्टम भी काम नहीं कर पा रहे हैं। हम जनरेटर लेकर चंडीगढ़ पहुंचे। वहां से हेलीकॉप्टर से हमें सियाचिन पहुंचाया गया।

यहां जवानाें काे 7 दिन तक जनरेटर काे ऑपरेट करने की ट्रेनिंग दी गई। यह जनरेटर नेचुरल गैस से चलता है और इसमें कोई मूवमेंट वाला हिस्सा नहीं है। नेचुरल गैस का फ्रीजिंग प्वाइंट -47 डिग्री है। इसलिए वहां यह प्रयोग सफल हुआ। मेजर ने हमें बताया कि मार्च से सितंबर तक यहां अच्छी धूप आती है, उस दौरान यदि यह जनरेटर सोलर तकनीक से काम करे तो किफायती भी होगा। यही वजह है कि अब हम सोलर और नेचुरल गैस से काम करने वाला हाइब्रिड जनरेटर तैयार कर रहे हैं।



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