जबलपुर: नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज में आर्थो में पीजी कर रहे छात्र डॉक्टर भगवत देवांगन ने हॉस्टल में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. इस मामले पर कॉलेज के ही पांच सीनियर छात्र डॉक्टरों द्वारा की जा रही रैगिंग से परेशान होकर आत्महत्या करने का आरोप है. पुलिस ने इस मामले में पांचों डॉक्टरों के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर लिया है.
परिजनों ने लगाए आरोप
देवांगन मूलत: जांजगीर चांपा छत्तीसगढ़ के रहने वाले थे, उन्होंने पुणे से एमबीबीएस करने के लिए जबलपुर के मेडिकल कॉलेज में जुलाई 2020 में आर्थो में पीजी करने के लिए एडमिशन लिया था. परिजनों का आरोप है कि सेकेंड ईयर के पांच सीनियर डॉक्टरों द्वारा रैगिंग लेकर परेशान किया जाता रहा जिसके चलते भागवत देवांगन मानसिक रुप से परेशान रहने लगा, यहां तक कि भागवत ने सितम्बर में बड़ी मात्रा में दवाएं खाली थी, जिसके चलते वह बीमार हो गया. जिस कारण करीब एक महीने तक घर में ही रहा. परिजनों के समझाने के बाद 25 सितम्बर को भागवत देवांगन वापस जबलपुर आया, और एक अक्टूबर को दोपहर के वक्त भागवत ने हॉस्टल नम्बर तीन के कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली.
पांचों छात्र डॉक्टरों पर केस दर्ज
पुलिस ने आत्महत्या मामले में आर्थो से पीजी कर रहे पांच सीनियर छात्र डॉक्टर विकास द्विवेदी, अमन गौतम, सलमान, शुभम शिंदे व अभिषेक गेमे के खिलाफ करीब 34 दिन बाद प्रकरण दर्ज कर जांच शुरु कर दी है.
छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य मंत्री की मांग
भागवत देवांगन की मौत को लेकर उनके गृहनगर जांजगीर में भी लोगों के बीच घटना को लेकर लगातार प्रदर्शन हुए थे. जहां पर लोगों ने सड़क पर आकर धरना दिया और प्रदर्शन करते हुए दोषियों पर कार्यवाही की मांग की गई थी. जिस पर छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्यमंत्री ने भी प्रदेश सरकार को पत्र लिखकर मामले पर जांच की मांग की थी.