दो किमी लंबे 'नो मैंस लैंड' में फंसे 2 हजार लोग, मजदूर बोले- वहां से खदेड़ रहे और यहां घुसने नहीं दे रहे

Posted By: Himmat Jaithwar
3/30/2020

मुरैना. कल्ला गुर्जर बार-बार मिन्नतें कर रहा है कि उसके चाचा का देहांत हो गया है, उसे मुरैना में उसके गांव जाने की अनुमति दे दी जाए, लेकिन पुलिस वाले का दिल नहीं पसीजता। वह सख्ती के साथ उसे वापस लौटा देते हैं। कल्ला गुर्जर का मुरैना के मसूदपुर में घर है और वह धौलपुर में रहते हैं। उनके जैसे 2 हजार ज्यादा मजदूर और आने-जाने वाले लोग एमपी-राजस्थान सीमा पर फंस गए हैं, क्योंकि सोमवार से सीमा को सील कर दिया गया है।

मुरैना कलेक्टर ने सील की हैं सीमाएं

असल में, मुरैना में लगने वाली राजस्थान की सीमा से बीते तीन-चार दिन से हरियाणा, दिल्ली और उत्तर प्रदेश से राजस्थान की सीमा से लगे चंबल राजघाट से करीब 15 हजार कामगार और अन्य लोग घुस रहे थे, इससे जिला प्रशासन को काफी परेशानियां आ रही थीं। मुरैना कलेक्टर प्रियंका दास ने सोमवार से सीमा को सील करने का निर्णय लिया और किसी को भी अंदर आने की अनुमति नहीं दी गई। वहीं, राजस्थान पुलिस धौलपुर से मुरैना और मध्य प्रदेश के लोगों को बाहर कर रही है। ऐसे में ये मजदूर 34 डिग्री सेल्सियस की गर्मी में दोनों प्रांतों के बीच 2 किमी लंबे 'नो मैन्स लैंड' में फंस गए हैं। वह न इधर के रहे और न ही उधर के बचे।

डीएम की परमिशन लेकर आाए वाहनों सहित खाली एंबुलेंस भी रोकी
पूरे देश में लागू 21 दिन के लॉक डाउन किए जाने के बाद बड़ी संख्या में दूसरे प्रांतों से मध्य प्रदेश में मजदूरों के पलायन को देखते हुए सोमवार को मुरैना की सीमा पर स्थित मप्र-राजस्थान बॉर्डर को पूरी तरह सील कर दिया गया। कार, बाइक तो छोड़िए पैदल-पैदल आ रहे मजदूरों की भी एंट्री रोक दी गई। इसकी वजह से मप्र-राजस्थान के बीच 2 हजार वाहन और 1 हजार से अधिक लोग फंसे हुए हैं। दिल्ली, राजस्थान, यूपी प्रांतों से संबंधित जिलों के डीएम की स्पेशल परमिशन लेकर कार से आए लोगों को भी बॉर्डर पर रोक दिया गया। वहीं खाली एंबुलेंस की आवाजाही पर भी रोक रही। सिर्फ खाने-पीने का सामान लेकर आ रहे मालवाहक ट्रकों व सेना के वाहनों की आवाजाही ही हाईवे पर दिखी।


पैदल-पैदल आए मजदूर बोले- भूख और प्यास से बेहाल हैं
राजस्थान के जयपुर से सिर पर पोटली व गोद में दो से पांच साल तक के बच्चे लेकर पहुंचे 15 से 20 मजदूरों का जत्था भी बॉर्डर पर रोक दिया गया। उन्हें पुलिसकर्मियों ने मप्र की सीमा में प्रवेश नहीं करने दिया गया। मजदूर राम खिलाड़ी ने बताया कि इतनी तेज धूप में यहां तो छांव का भी इंतजाम नहीं है। यहां से आगे निकलकर हमें कहीं भी ठहर जाने दो, लेकिन जब मप्र बॉर्डर पर उन्हें एंट्री नहीं मिली तो वे वापस राजस्थान की ओर लौट गए।

बच्चे और परिवार के साथ आ रहे लोग भी यहां फंस गए हैं। 

राजस्थान की ओर से मप्र की ओर भेज रहे मजदूर व वाहन
देशभर में सभी प्रांतों ने अपनी सीमाएं सील कर दी हैं। चंबल राजघाट स्थित राजस्थान बॉर्डर पर सागरपाड़े थाने की पुलिस यूपी-राजस्थान, दिल्ली से आ रहे वाहनों, लोगों को राजस्थान सीमा से धकेलकर एमपी की ओर भेज रही है। इधर एमपी की सीमाएं सील हैं। ऐसे में मप्र-राजस्थान की सीमा के बीच स्थित 2 किमी लंबे नो मेन लैंड पर लोगों के लिए पीने का पानी तो छोड़िए तेज धूप से बचने के भी इंतजाम नहीं थे। तेज धूप से व्याकुल लोग पानी के लिए तरसते हुए नजर आए।


हाइवे किनारे लगवा रहे हैं टेंट, अन्य आशियाने भी चिन्हित
मप्र-राजस्थान की सीमा पर पहुंची मुरैना कलेक्टर प्रियंका दास ने अपने अधीनस्थ अफसरों के साथ बॉर्डर का मुआयना किया। उन्होंने नगर निगम को अल्लाबेली की मजार के किनारे स्थित खाली जमीन पर टेंट लगाने के निर्देश दिए, ताकि बॉर्डर पर फंसे लोग धूप से अपना बचाव कर सकें। साथ ही हाईवे किनारे बंद पड़े मंदिरों सहित अन्य जगहों भी चिन्हित किया जा रहा है। जहां बाहर से आने वाले लोगों को 14 दिन तक क्वारेंटाइन में रखा जा सके।

ड्यूटी कर्मचारियों के अलावा शहर में बाहर निकलने पर रोक 
कोरोना फैलने से रोकने के लिये आज से लॉकडाउन में लोगों की घरों से निकलने पर पुलिस प्रशासन ने सख्ती बरतना शुरू कर दिया है। कलेक्टर प्रियंका दास ने कहा है कि ड्यूटी में लगे अधिकारियों और कर्मचरियों के अतिरिक्त किसी भी व्यक्ति के घरों से निकलने पर रोक लगा दी है। उन्होंने कहा है कि प्रशासन और समाजसेवी संस्थाएं गरीब और मजदूरों को खाने की व्यवस्था उनके घरों पर ही करेंगी। श्रीमती दास ने आम लोगों से अपील की है कि वे भी घरों पर ही रहें, उन्हें भी जरूरत की खाद्य सामग्री घर पर ही वेन के माध्यम से उपलव्ध करायी जाएगी।



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