हाथरस। उत्तरप्रदेश के हाथरस में दलित युवती से कथित गैंगरेप और उसकी मौत के केस की जांच CBI कर रही है। इस बीच, CBI के हाथ एक ऐसा सबूत हाथ लगा है, जो इस केस में शुरुआत से ही सवालों में घिरी पुलिस के खिलाफ है। अलीगढ़ जेल में बंद चारों आरोपियों में से लवकुश नाबालिग निकला है। इसका खुलासा उसके घर से बरामद हाईस्कूल की मार्कशीट से हुआ है। मार्कशीट सामने आने के बाद CBI ने घटना के बाद सस्पेंड हुए पुलिसवालों से पूछताछ की है।
जब वारदात हुई तब लवकुश 17 साल 9 महीने का था
आरोपी लवकुश ने 2018 में जेएस इंटर कॉलेज से हाईस्कूल की परीक्षा पास की है। मार्कशीट पर उसकी जन्मतिथि 2 दिसंबर 2002 लिखी है। ऐसे में अभी उसकी उम्र 17 साल 10 माह है। 14 सितंबर को जब वारदात हुई तब वह 17 साल 9 महीने 12 दिन का था। इसके बावजूद उसे अन्य आरोपियों की तरह जेल भेज दिया गया। ऐसे में बड़ा सवाल उठता है कि जेल भेजने से पहले क्या उसकी मेडिकल जांच नहीं हुई थी? अब पुलिस पर दस्तावेजों को दरकिनार करने का आरोप लग रहा है।
आरोपी लवकुश की मार्कशीट।
सोमवार को जेल में साढ़े 7 घंटे पूछताछ
CBI ने सोमवार को अलीगढ़ जेल में बंद चारों आरोपियों संदीप, रामू, रवि और लवकुश से अलग-अलग करीब साढ़े सात घंटे पूछताछ की थी। इससे पहले CBI ने कोर्ट से परमिशन ली। CBI की टीम सुबह 11 बजकर 54 मिनट पर जेल के अंदर पहुंची और शाम को 7:30 बजे बाहर आई। इस दौरान वारदात के दिन कौन-कहां था, इसकी पूरी जानकारी ली गई।
इससे पहले CBI ने सभी आरोपियों के परिवार वालों से पूछताछ की थी और आरोपी लवकुश के घर से सबूत जुटाए गए थे। इस दौरान कुछ दस्तावेजों के अलावा एक लाल रंग लगा कपड़ा भी बरामद किया था।
यह है पूरा मामला
हाथरस जिले के चंदपा इलाके के बुलगढ़ी गांव में 14 सितंबर को चार लोगों ने 19 साल की दलित लड़की से कथित गैंगरेप किया था। आरोपियों ने लड़की की रीढ़ की हड्डी तोड़ दी थी। परिजन ने जीभ काटने का भी आरोप लगाया था। दिल्ली में इलाज के दौरान 29 सितंबर को पीड़ित की मौत हो गई थी। चारों आरोपी जेल में हैं।
हालांकि, पुलिस का दावा है कि लड़की के साथ दुष्कर्म नहीं हुआ था। 11 अक्टूबर को CBI ने मुख्य आरोपी संदीप पर केस दर्ज किया था। इसके बाद से लगातार इस केस की जांच चल रही है। इस केस में लापरवाही बरतने के आरोप में एसपी-डीएसपी समेत पांच पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया गया था।