रायसेन। मंडी कर्मचारियों की हड़ताल के कारण 13 दिन बंद रही कृषि उपज मंडी बुधवार को खुली। किसान भी उपज बेचने लाए, लेकिन वे दोपहर 1 बजे तक मंडी परिसर में खड़े रहे। कोई उन्हें ये बताने वाला नहीं था मंडी में उपज की नीलामी होगी या नहीं। नीलामी नहीं होते देख मंडी के बाहर ही कुछ किसानों ने अपना अनाज कम दामों पर बेच भी दिया । पाली गांव के किसान संजय जादौन काे 15 क्विंटल गेहूं मजबूरन बिना नीलामी के ही एक अनाज व्यापारी को महज 1300 रुपए क्विटंल के भाव पर ही बेचना पड़ा जबकि नीलामी में यह 1800 से 2000 रुपए तक बिक सकता था। ऐसे ही अन्य किसानाें काे भी 500 से 700 रुपए प्रति क्विंटल का नुकसान उठाना पड़ा। पाली गांव के ही किसान कमलसिंह पाल को अपना गेहूं 1400 रुपए क्विंटल बेचना पड़ा। किसान बोले सुबह 10 बजे से खड़े हैं : अनाज की नीलामी के लिए किसान सुबह 10 बजे से ही कृषि उपज मंडी में पहुंच गए थे। पहला दिन होने से भीड़ नहीं थी। मंडी परिसर में न तो अनाज व्यापारी दिखाई दे रहे थे और सूचना के लिए न कोई कर्मचारी। मंडी प्रबंधन द्वारा कोई एनाउंसमेंट भी नहीं कराया जा रहा था। इससे किसान परेशान होते रहे। किसानों ने बताया वे सुबह से मंडी में परेशान हो रहे हैं।
जिम्मेदार मंडी इंस्पेक्टरों ने भी नहीं किए प्रयास
मंडी इंस्पेक्टर मनोहर कोली मंडी कार्यालय में बैठे हुए थे, जब उन्हें परेशान होते किसानों के बारे में बताया गया तो वे बोले मैं तो अभी तहसील से आया हूं। बाहर से मिले दूसरे मंडी इंस्पेक्टर बोले 11 बजे का समय अनाज नीलामी के लिए तय है, जबकि उस समय दोपहर के 12.30 बजे थे और किसान परेशान होते घूम रहे थे ।
^मंडी में अनाज की नीलामी शुरू हो गई है। कम आवक के कारण नीलामी देरी से कराई जाती है। अब व्यवस्था करेंगे कि किसान परेशान ने हों, उन्हें सभी तरह की जानकारी समय पर उपलब्ध कराई जाएगी।
-करुणेश तिवारी, सचिव, कृषि उपज मंडी, रायसेन