मुश्किल समय में हमारी बचत ही सबसे अहम मददगार होती है और कोरोनाकाल जैसी भयानक परिस्थिति में भी यह बात साबित हुई है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक वित्त वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही अप्रैल से जून के बीच मप्र के बैंकों में जमा राशि 20028 करोड़ रु. बढ़ी है। जो कि बीते वर्ष की इस अवधि की जमा बचत की तुलना में 4.30 गुना ज्यादा है। लॉकडाउन में आम बचत, चालू और सरकारी खातों में जमा धन बढ़ा है।
31 मार्च को सरकारी, निजी, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक और सहकारी बैंकों में कुल जमा राशि 398,794 करोड़ रुपए थी, जो 30 जून को बढ़कर 418,822 करोड़ रुपए हो गई। एक ही तिमाही में यह बढ़ोतरी 5.02% की रही। पिछले वर्ष इस तिमाही के दौरान जमाओं में केवल 4,654 करोड़ रुपए या 1.2% की ही बढ़ोतरी देखने को मिली थी। मध्यप्रदेश के चार बड़े शहरों में पूरे राज्य की 44% से अधिक राशि जमा होती है। 30 जून तक इन चार शहरों में बैंकों में जमा राशि 186,264 करोड़ रुपए थी।
बचत बढ़ने के 4 कारण- लोग बाहर नहीं निकले, बैंकों में जमा पैसा नहीं निकाला
- लॉकडाउन लगते ही लोग सहमे हुए थे। नौकरियां जा रही थीं। इसलिए लोगों ने फरवरी-मार्च में जमा किया धन बैंकों से नहीं निकाला।
- तीन माह के दौरान उन्हें जो वेतन मिला, वह भी बैंक जमाओं में जुड़ता गया।
- 31 मार्च से 30 जून का ज्यादातर समय लॉकडाउन में बीता, इसलिए लोगों ने सिर्फ जरूरत के सामान पर खर्च किया।
- आम तौर पर बैंकों की जमा दरें जब घटती हैं तो लोग खातों से पैसा निकालकर कहीं और बचत में इन्वेस्ट करते हैं, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ।
- एक्सपर्ट : डॉ. आरएस तिवारी, अर्थशास्त्री, एसडी माहुरकर, समन्वयक, एसएलबीसी