फीस या अन्य दूसरे कारणों से निजी स्कूल छोड़ने वाले बच्चों को अब सरकारी स्कूलों में एडमिशन दिया जाएगा। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि कोरोना महामारी के कारण किसी भी छात्र की पढ़ाई नहीं रुकना चाहिए।
सीएम के निर्देश के बाद स्कूल शिक्षा विभाग ने सभी जिला कलेक्टरों और डीईओ को पत्र जारी करते हुए कहा है कि अनेक विद्यार्थी महामारी के समय विभिन्न कारणों से निजी स्कूल छोड़ रहे हैं। इसके लिए प्रत्येक निजी स्कूल से ऐसे विद्यार्थियों की सूची प्राप्त की जाए, जो पिछले वर्ष तक उस स्कूल में पढ़ रहे थे परन्तु किसी भी कारण से उन्होंने इस वर्ष उस निजी स्कूल में प्रवेश नहीं लिया है या फिर प्रवेश लेने के बाद उस निजी स्कूल को छोड़ दिया है।
सूची में विद्यार्थियों के नाम के साथ उनके पालकों के नाम, पते और संभव हो तो मोबाइल नम्बर भी प्राप्त किए जाएं। इन विद्यार्थियों के पालकों के साथ सम्पर्क करके उन्हें पास के सरकारी स्कूल में प्रवेश लेने के लिए प्रेरित किया जाए। कक्षा पहली से 10वीं तक के लिए इन बच्चों से प्रवेश के समय टीसी अथवा पूर्व कक्षा की अंक सूची की मांग न की जाए और उन्हें आयु के अनुरूप कक्षा में प्रवेश दिया जाए।
परीक्षार्थियों के लिए प्रवेश पत्र ही होगा पास
सीएम भूपेश बघेल ने सभी जिला कलेक्टरों से कहा है कि कल से शुरु हो रहे लॉकडाउन के दौरान विभिन्न परीक्षाओं में शामिल होने वाले परीक्षार्थियों के प्रवेश पत्र को ही पास माना जाए। बघेल ने कहा कि परीक्षाओं में शामिल होने वाले छात्र-छात्राओं को किसी भी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े।
11वीं व 12वीं में प्रवेश के लिए गाइडलाइन तय
कक्षा 11वीं में प्रवेश के लिए बच्चों से रोल नम्बर लेकर कक्षा 10वीं की बोर्ड परीक्षा में उन्हें प्राप्त अंकों का सत्यापन संबंधित बोर्ड की वेबसाइट से कर लिया जाए। कक्षा 12वीं में प्रवेश देने के लिए भी बच्चों से बोर्ड परीक्षा का रोल नम्बर लेकर कक्षा 10वीं की बोर्ड परीक्षा में उन्हें प्राप्त अंकों का सत्यापन संबंधित बोर्ड की वेबसाइट से कर लिया जाए और यह देख लिया जाए कि उन्होंने एक वर्ष पूर्व कक्षा 10वीं बोर्ड की परीक्षा पास की हो। कक्षा 11वीं एवं 12वीं में प्रवेश हेतु टी.सी. की मांग न की जाए। इस कार्यवाही को आगामी 15 दिनों में पूरा कर संचालनालय को अवगत कराने को कहा गया है।