9वीं से 12वीं तक के ज्यादातर सरकारी व प्राइवेट स्कूल सोमवार से खुल जाएंगे। लेकिन रेगुलर क्लासेस नहीं लगेंगी। स्कूलाें में सिर्फ दाे घंटे का डाउट क्लीयिरिंग सेशन हाेगा। इसमें छात्र पढ़ाई में आ रही कठिनाइयाें का हल जानने के लिए स्कूल पहुंच सकेंगे। लेकिन इसके लिए भी अभिभावकाें की लिखित सहमति अनिवार्य हाेगी। शिक्षकाें से यह मार्गदर्शन लेने के बाद बच्चे इस सेशन की अवधि के अलावा स्कूल में नहीं रुक सकेंगे।
केंद्र व राज्य सरकार द्वारा स्कूलाें के बारे एसओपी जारी करने के बाद से ही ज्यादातर निजी स्कूल प्रबंधनों ने तैयारी शुरू कर दी थी। प्राइवेट स्कूलाें के संगठन एसोसिएशन ऑफ अन-एडेड प्राइवेट स्कूल्स से जुड़े 33 स्कूलाें ने बच्चाें के अभिभावकाें काे ऑनलाइन फार्म भेजकर उनसे फीडबैक मांगा था कि बच्चाें काे ऐसे सेशन के लिए स्कूल भेजना चाहते हैं या नहीं।
एसाे. के उपाध्यक्ष विनीराज माेदी ने बताया कि सिर्फ 55 फीसदी अभिभावकाें ने इसके लिए हामी भरी है। 24 फीसदी पालकाें ने बच्चाें काे भेजने से साफ मना कर दिया। बाकी ने अभी काेई रिस्पांस नहीं दिया। माेदी ने बताया कि कक्षा 9वीं से 12वीं तक के विद्यार्थियाें के 18201 पालकाें के फॉर्म अब तक मिल चुके हैं। कलेक्टर अविनाश लवानिया ने बताया कि बच्चे अभिभावकों की लिखित सहमति लेकर ही पढ़ाई में आ रही कठिनाइयों का हल जानने पहुंच सकेंगे।
ताे स्कूल भेजने में क्या दिक्कत- साेसायटी फार प्राइवेट स्कूल्स के प्रदेशाध्यक्ष डाॅ आशीष चटर्जी ने बताया कि 50 फीसदी पालकाें का यह तर्क है कि जब हमारे बच्चे मार्केट, शाॅपिंग माॅल्स जैसे अन्य सार्वजनिक स्थानाें पर जा सकते हैं ताे उन्हें स्कूल भेजने में काेई दिक्कत नहीं है।
50% ही शिक्षक रहेंगे मौजूद - 9वीं से 12 वीं तक के स्कूलों में भी 50 फीसदी शिक्षकों को ही बुलाया जाएगा। ये शिक्षक ही पढ़ाई के दौराना आ रही समस्याओं का निराकरण करेंगे। ये सेशन सुबह 9 से 11 या दोपहर 12 से 2 बजे तक चल सकते हैं।
एसओपी के मद्देनजर हर प्रावधान का पालन होगा
^अभी शुरुआती चरण के लिए तैयारी जारी है। एसओपी के मद्देनजर हर प्रावधान का पालन किया जाएगा। बच्चाें एवं शिक्षकाें के स्वास्थ्य संंबंधी सुरक्षा मापदंडाें का ध्यान रखना सबसे जरूरी है।
- जयश्री कियावत, आयुक्त, लाेक शिक्षण संचालनालय
पालकों के सवाल और उनके जवाब
एसोसिएशन ऑफ अन-एडेड प्राइवेट स्कूल्स का दावा- सर्वे में 55% पालकाें ने कहा-हां, सिर्फ डाउट क्लीयरिंग सेशन के लिए बच्चाें काे भेजेंगे।
सोमवार से स्कूल पहुंचने वाले बच्चाें के लिए क्या व्यवस्था हाेगी?
- सभी जरूरी औपचारिकताओं के बाद बच्चाें काे अपनी कक्षा में पहुंचना हाेगा, जहां वे अपने नाम की अंकित सीट पर बैठक सकेंगे।
जाे विद्यार्थी डाउट क्लीयरिंग सेशन में स्कूल नहीं पहुंच सकेंगे ताे उन्हें पढ़ाई का नुकसान ताे नहीं हाेगा?
- नहीं, क्याेंकि सभी के लिए ऑनलाइन नियमित क्लासेस जारी रहेंगी।
इस सेशन में स्कूल पहुंचने वाले बच्चाें की स्वास्थ्य संबंधी सुरक्षा की क्या व्यवस्था हाेगी?
-प्रवेश द्वार पर थर्मल स्क्रीनिंग हाेगी, सैनिटाइजेशन हाेगा। एसओपी के अनुसार फिजिकल डिस्टेंसिंग और मास्क अनिवार्य रहेगा। किसी छात्र को किसी अन्य की काॅपी- किताब या कंप्यूटर इत्यादि छूना मना हाेगा।
ताे क्या अभिभावकाें काे ही बच्चाें काे अपने वाहनों से स्कूल ले जाना पड़ेगा?
- यह जिम्मा पालकाें का ही हाेगा।