21 सितंबर से स्कूल खोलने के सुझाव पर एमपी बोर्ड के स्कूलों ने स्पष्ट निर्णय ले लिया है। तय तारीख से एमपी बोर्ड के शहर के चार सौ से ज्यादा स्कूल, छात्रों को मार्गदर्शन के लिए बुलाएंगे। एमपी बोर्ड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने निर्णय लिया है।
एसोसिएशन ऑफ अनएडेड सीबीएसई स्कूल ने भी स्कूल खोलने का निर्णय लिया है, लेकिन संचालक छात्रों को बुलवाने को लेकर अब भी असमंजस में हैं। सहोदय के पूर्व पदाधिकारियों के अनुसार सरकार ने सिर्फ ऑनलाइन शिक्षा में आ रही समस्या के मार्गदर्शन के लिए छात्रों को बुलवाने की अनुमति दी है न कि स्कूल खोलने की। न कक्षाएं लगेंगी न असेंबली होगी। एमपी बोर्ड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष गोपाल सोनी ने बताया, सभी स्कूलों ने पूरी सावधानी के साथ बच्चों को बुलवाने की तैयारी की है। मास्क और फेस शील्ड का स्टॉक किया गया है। पालकों से सहमति पत्र भी भरवाया जाएगा। जिन छात्रों को शिक्षकों से सीधे मार्गदर्शन चाहिए वे ही स्कूल आएंगे। निश्चित समय निश्चित संख्या में ही छात्रों को बुलाया जाएगा।
एसोसिएशन ऑफ सीबीएसई अनएडेड स्कूल के अनिल धूपर ने बताया, डाउट क्लियरिंग के लिए बच्चों को बुलाने पर हम पहले ही सहमति बना चुके हैं। एसोसिएशन से जुड़े पचास स्कूल बच्चों को बुलाएंगे। इसके लिए सभी जरूरी एहतियात रखे जाएंगे।
पूरक और आंतरिक परीक्षाओं के बाद खोलेंगे
सीबीएसई स्कूल एसोसिएशन भले निर्णय ले चुकी हो, लेकिन कई संचालक स्थिति को भांपकर बच्चों को बुलाने का निर्णय लेंगे। कंपार्टमेंट और इंटरनल परीक्षाओं को कारण बनाकर वे 21 सितंबर से स्कूल नहीं खोल रहे। अधिकांश स्कूल चाहते हैं पहले दूसरा स्कूल बच्चों का बुलाए। उनके अनुभव के आधार पर शेष स्कूल निर्णय लेंगे।
आदेश पर भ्रम की स्थिति
सहोदय संस्था के पूर्व अध्यक्ष मोहित यादव ने बताया सरकार के आदेश के अनुसार स्कूल, बच्चों को मार्गदर्शन के लिए बुला सकता है। इसमें भी वहीं छात्र शामिल हो सकेंगे जिनके पालकों ने लिखित इजाजत दी है। इस दौरान भी सैनिटाइजर और मास्क सहित सारे नियमों का पालन जरूरी है।