बालाघाट, मंडला और जबलपुर समेत प्रदेश के 10 जिलों में जानवरों को खिलाने वाला चावल मिलने पर केंद्र सरकार ने नाराजगी जताई है। इसका खमियाजा राज्य सरकार को भुगतना पड़ सकता है, और केंद्र से इस चावल की खरीदी की मिलने वाली लगभग 200 करोड़ रुपए की राशि अटक सकती है।
केंद्र सरकार के उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय में डिप्टी कमिश्नर विश्वजीत हालदार ने चावल के 32 नमूनों की जांच में पाए गए पोल्ट्री ग्रेड चावल की रिपोर्ट उनके मंत्रालय को भी सौंपी है। इसमें कहा गया है कि मप्र में पोल्ट्री ग्रेड चावल का जहां वितरण किया गया है। इसकी समुचित जांच के उपरांत ही चावल की राशि का भुगतान संबंधित राज्य को किया जाए।