भिंड: मध्य प्रदेश के भिंड में एक तरफ जहां किसानों को एक बोरी यूरिया खाद नहीं मिल रही है, वहीं दूसरी तरफ 20 किसानों को 9 हजार बोरी यूरिया बांटने का मामले सामने आया है. फिलहाल मामले में प्रमुख सचिव के पत्र के बाद कलेक्टर वीरेंद्र रावत ने जिले के सभी एसडीएम और उपसंचालक जांच के आदेश देते हुए जल्द से जल्द रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है.
दरअसल, भिंड के सरकारी किसान सोसायटियों पर खाद नहीं होने की वजह से बैनर लगा हुआ है. जिसकी वजह से जिले के दूर-दराज इलाकों से आने वाले किसान लौट जाते हैं. वहीं, जब वे प्राइवेट दुकानों पर खाद खरीदने जाते हैं तो उन्हें वहां से भी लौटा दिया जा रहा है. कई दिनों से यूरिया खाद नहीं मिल पाने से धान की फसल में खाद नहीं पड़ पा रही है, जिससे फसल के नुकसान का भी खतरा मंडरा रहा है.
यूरिया की कालाबाजारी को लेकर भिंड डीएम बेरेन्द्र नवल सिंह रावत ने कहा कृषि विभाग के प्रमुख सचिव अजीत केसरी की शिकायत पर खाद की कालाबाजारी की जांच की जा रही है. सभी सोसायटियों को जल्द से जल्द रिपोर्ट देने कहा गया है.
डीएम ने कहा कि कई सोसायटियों से कुछ ही किसानों को 10 हजार बोरी से ज्यादा खाद वितरित करने की शिकायत की गई है. मामले में जांच की जा रही है कि इतनी बड़ी मात्रा में किसानों को खाद जरूरत के लिए बितरित की गई है या फिर मार्केटिंग सोसायटी और थोक विक्रेताओं के द्वारा कालाबाजारी की गई है.
नियमों को ताक पर रखकर बितरित की गई यूरिया
दरअसल, मध्य प्रदेश में छोटे किसानों को 2 बोरी और बड़े किसानों को 5 बोरी से ज्यादा खाद बितरित नहीं करने का नियम है. इसलिए किसान सोसायटियों के अधिकारियों पर भी सवाल उठ रहे हैं कि आखिर कैसे 20 किसानों को 9 हजार बोरी यूरिया बितरित कर दी गई.