भोपाल: कोरोना संकट के चलते देशभर में नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेस टेस्ट (NEET) और ज्वाइंट एंट्रेंस एग्जाम (JEE) की परीक्षा आयोजित न कराने को लेकर प्रदर्शनों का दौर जारी है. छात्र, पैरेंट्स और कुछ शिक्षाविद् परीक्षा नहीं आयोजित कराने की मांग कर रहे हैं. वहीं, केंद्र सरकार के साथ कई शिक्षाविद् चाहते हैं कि नीट (NEET) और जेईई (JEE) की परीक्षा निर्धारित तिथि पर आयोजित की जाए. इसको लेकर देशभर में उहापोह की स्थिति बनी हुई है. इसी बीच विपक्ष का छात्रों को पूरा समर्थन मिल रहा है. इसके लिए सोनिया गांधी ने उद्धव ठाकरे, ममता बनर्जी, हेमंत सोरेन समेत 7 मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक की. माना जा रहा है कि विपक्ष सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पिटीशन भी जारी कर सकता है. याचिका खारिज कर चुका है सुप्रीम कोर्ट कोरोना संक्रमण की वजह से परीक्षा नहीं आयोजित कराने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी, जिसे 17 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि क्या कोवि़ड-19 की वजह से सबकुछ रोक दिया जाए? एक कीमती वर्ष को यूं ही बर्बाद होने दिया जाए? 17 अगस्त के बाद तेज हुआ विरोध दरअसल, छात्रों और अभिभावकों को उम्मीद थी कि सुप्रीम कोर्ट याचिका पर सुनवाई करते हुए छात्रों के पक्ष में फैसला सुनाएगा. लेकिन हुआ इसका उल्टा. इसके बाद से देशभर में व्यापक स्तर पर विरोध शुरू हो गया. विपक्ष भी छात्रों के समर्थन में उतर आया. मध्य प्रदेश भी इससे अछूता नहीं है. यहां भी विपक्ष परीक्षा स्थगित करने की मांग कर रहा है. इसको लेकर कांग्रेस नेता जीतू पटवारी, सीएम शिवराज को पत्र भी लिख चुके हैं. आपको बता दें कि मध्य प्रदेश में 58,138 छात्रों ने नीट एग्जाम के लिए आवेदन किया है. परीक्षा को लेकर शिक्षाविदों में दो गुट नीट और जेईई 2020 की परीक्षा को लेकर शिक्षाविदों में दो गुट बन गया है. एक गुट चाहता है कि परीक्षा अगले कुछ महीनों के लिए टाल दी जाए. क्योंकि इससे छात्रों और पैरेंट्स में कोरोना संक्रमण फैलने का डर है. वहीं, एक गुट का मानना है कि नीट और जेईई 2020 की परीक्षा समय पर आयोजित की जाए. उनका मानना है कि परीक्षा समय पर नहीं आयोजित होने से छात्रों का एक वर्ष बर्बाद हो जाएगा. साथ ही वार्षिक कैलेंडर भी पिछड़ जाएगा. इसको लेकर अबतक 150 से ज्यादा शिक्षाविद पीएम मोदी को पत्र लिख चुके हैं. सरकार चाहती है आयोजित हो परीक्षा केंद्र सरकार चाहती है कि नीट और जेईई मेंस की परीक्षा निर्धारित तिथि पर आयोजित हो, इसे लेकर शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने भी अपना तर्क दिया है. उन्होंने कहा कि अधिकतर छात्र और अभिभावक परीक्षा आयोजित कराने के पक्ष में हैं. बस इसका विरोध कुछ लोग अपने राजनीतिक एजेंडे के लिए कर रहे हैं. पोखरियाल ने कहा कि जेईई एंट्रेंस एग्जाम के लिए कुल 15,93,452 छात्रों ने आवेदन किया है. इनमें से 85 प्रतिशत छात्र एडमिट कार्ड भी डाउनलोड कर चुके हैं, जो इस बात को दर्शाता है कि छात्र परीक्षा देने के पक्ष में हैं. उन्होंने कहा कि नीट एंट्रेंस एग्जाम का एडमिट कार्ड अभी नहीं जारी किया गया है. लेकिन गुरुवार तक इसका भी एडमिट कार्ड जारी कर दिया जाएगा.
भोपाल: कोरोना संकट के चलते देशभर में नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेस टेस्ट (NEET) और ज्वाइंट एंट्रेंस एग्जाम (JEE) की परीक्षा आयोजित न कराने को लेकर प्रदर्शनों का दौर जारी है. छात्र, पैरेंट्स और कुछ शिक्षाविद् परीक्षा नहीं आयोजित कराने की मांग कर रहे हैं. वहीं, केंद्र सरकार के साथ कई शिक्षाविद् चाहते हैं कि नीट (NEET) और जेईई (JEE) की परीक्षा निर्धारित तिथि पर आयोजित की जाए. इसको लेकर देशभर में उहापोह की स्थिति बनी हुई है. इसी बीच विपक्ष का छात्रों को पूरा समर्थन मिल रहा है. इसके लिए सोनिया गांधी ने उद्धव ठाकरे, ममता बनर्जी, हेमंत सोरेन समेत 7 मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक की. माना जा रहा है कि विपक्ष सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पिटीशन भी जारी कर सकता है.
याचिका खारिज कर चुका है सुप्रीम कोर्ट कोरोना संक्रमण की वजह से परीक्षा नहीं आयोजित कराने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी, जिसे 17 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि क्या कोवि़ड-19 की वजह से सबकुछ रोक दिया जाए? एक कीमती वर्ष को यूं ही बर्बाद होने दिया जाए?
17 अगस्त के बाद तेज हुआ विरोध दरअसल, छात्रों और अभिभावकों को उम्मीद थी कि सुप्रीम कोर्ट याचिका पर सुनवाई करते हुए छात्रों के पक्ष में फैसला सुनाएगा. लेकिन हुआ इसका उल्टा. इसके बाद से देशभर में व्यापक स्तर पर विरोध शुरू हो गया. विपक्ष भी छात्रों के समर्थन में उतर आया. मध्य प्रदेश भी इससे अछूता नहीं है. यहां भी विपक्ष परीक्षा स्थगित करने की मांग कर रहा है. इसको लेकर कांग्रेस नेता जीतू पटवारी, सीएम शिवराज को पत्र भी लिख चुके हैं. आपको बता दें कि मध्य प्रदेश में 58,138 छात्रों ने नीट एग्जाम के लिए आवेदन किया है.
परीक्षा को लेकर शिक्षाविदों में दो गुट नीट और जेईई 2020 की परीक्षा को लेकर शिक्षाविदों में दो गुट बन गया है. एक गुट चाहता है कि परीक्षा अगले कुछ महीनों के लिए टाल दी जाए. क्योंकि इससे छात्रों और पैरेंट्स में कोरोना संक्रमण फैलने का डर है. वहीं, एक गुट का मानना है कि नीट और जेईई 2020 की परीक्षा समय पर आयोजित की जाए. उनका मानना है कि परीक्षा समय पर नहीं आयोजित होने से छात्रों का एक वर्ष बर्बाद हो जाएगा. साथ ही वार्षिक कैलेंडर भी पिछड़ जाएगा. इसको लेकर अबतक 150 से ज्यादा शिक्षाविद पीएम मोदी को पत्र लिख चुके हैं.
सरकार चाहती है आयोजित हो परीक्षा केंद्र सरकार चाहती है कि नीट और जेईई मेंस की परीक्षा निर्धारित तिथि पर आयोजित हो, इसे लेकर शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने भी अपना तर्क दिया है. उन्होंने कहा कि अधिकतर छात्र और अभिभावक परीक्षा आयोजित कराने के पक्ष में हैं. बस इसका विरोध कुछ लोग अपने राजनीतिक एजेंडे के लिए कर रहे हैं.
पोखरियाल ने कहा कि जेईई एंट्रेंस एग्जाम के लिए कुल 15,93,452 छात्रों ने आवेदन किया है. इनमें से 85 प्रतिशत छात्र एडमिट कार्ड भी डाउनलोड कर चुके हैं, जो इस बात को दर्शाता है कि छात्र परीक्षा देने के पक्ष में हैं. उन्होंने कहा कि नीट एंट्रेंस एग्जाम का एडमिट कार्ड अभी नहीं जारी किया गया है. लेकिन गुरुवार तक इसका भी एडमिट कार्ड जारी कर दिया जाएगा.