महिला कर्मचारियों को रात्रि की शिफ्ट में काम करने की बाध्यता नहीं होगी। राज्य सरकार द्वारा तैयार किए गए अध्यादेश में महिलाओं को भी रात्रि की शिफ्ट में काम करने की अनुमति अनिवार्य किए जाने का प्रस्ताव था। इस अध्यादेश को राष्ट्रपति ने वापस लौटा दिया है। इसके बाद सरकार ने संशोधित अधिसूचना जारी की है।
दरअसल, राज्य सरकार ने कारखाना अधिनियम 1948 में संशोधन करते हुए अहम बदलाव किए थे। इनमें प्रमुख रूप से महिलाओं को रात्रि की शिफ्ट में काम करने की अनुमति दिए जाने का प्रावधान था। इस पर केंद्र की आपत्ति थी कि महिलाओं को सुरक्षा कारणों से रात्रि की शिफ्ट में काम की अनुमति नहीं दी जा सकती।
अध्यादेश की आपत्तियों को हटाकर संशोधित कर दिया गया है। अधिसूचना जारी कर दी गई है।'-आशुतोष अवस्थी, आयुक्त,श्रम।
अध्यादेश में यह था बाध्यकारी
- महिलाओं को रात्रि शिफ्ट में काम की अनुमति। पहले प्रतिबंधित था।
- कारखाना मालिक स्वयं दस्तावेजों का सत्यापन कर सकेगा। जो रिटर्न जमा करेगा उसमें से 5% की जांच होगी।
- पहले 20 वर्कर पर लाइसेंस लेना पड़ता था, अब 200 पर।
- 300 से कम वर्कर पर कारखाना बंद करने परमिशन जरूरी नहीं।
- कर्मचारी शिफ्ट 8 घंटे ही रहेगी।