लोगों के हुनर को बेहतर करने और उनके हाथ में रोजगार देने के लिए भोपाल में 600 करोड़ की लागत से ग्लोबल स्किल पार्क का विकास हो रहा है। सिंगापुर का भी इसमें सहयोग लिया जा रहा है। मप्र अब मैनपाॅवर का हब भी बनेगा। आत्मनिर्भर मप्र के लिए जारी वेबिनार की शृंखला के तीसरे दिन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने यह बात कही। उन्होंेने कहा कि ‘यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज’ और ‘यूनिवर्सल इम्यूनाईजेशन’ का लक्ष्य जल्द प्राप्त कर लिया जाएगा। सोमवार को स्वास्थ्य व शिक्षा पर चिंतन किया गया। स्वास्थ्य के लिए 8, तकनीकी शिक्षा व कौशल विकास के 7, उच्च शिक्षा के 5 और स्कूल शिक्षा के लिए 3 लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं। सीएम ने कहा कि ‘यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज’ हर व्यक्ति को अच्छी स्वास्थ्य सुविधा और ‘यूनिवर्सल इम्यूनाईजेशन’ प्रत्येक बच्चे के टीकाकरण के लक्ष्य को जल्द पूरा कर लिया जाएगा।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री बोले...प्रदेश में बनने हैं साढ़े 10 हजार वेलनेस सेंटर
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने बताया कि मप्र में लगभग 10 हजार 500 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर बनने हैं। इसमें से अभी तक 2986 सेंटर बन गए है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2025 तक पूरे देश को टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा है। कोरोना पॉजिटिव होने के बाद भी अस्पताल से मॉनीटरिंग करने के लिए उन्होंने मुख्यमंत्री की प्रशंसा की।
स्वास्थ्य के लक्ष्य
- हर व्यक्ति तक स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच।
- मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को न्यूनतम करना।
- सुविधाओं को मजबूत व सुदृढ़ करना।
- स्वास्थ्य संस्थानों का कन्वर्जेन्स।
- हेल्थ मैनेजमेंट इर्न्फोमेशन सिस्टमव ‘इलेक्ट्रॉनिक हैल्थ रिकाॅर्ड’ को बढ़ावा देना।
- पैरामेडिकल स्टाफ की गुणवत्ता बढ़ाना।
- अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए अच्छा वातावरण।
- बीमारियों से बचाव व पहचान पर जोर।
कौशल विकास के प्रमुख लक्ष्य
- ग्रॉस एनरोलमेंट रेशो 4.5% तक बढ़ाना। {तकनीकी संस्थानों में प्लेसमेंट रेट को बढ़ाना। {शिक्षकों की भर्ती एवं कैडर प्रबंधन।
- उद्योगों की जरूरत के अनुसार सहभागिता व पाठ्यक्रम।
- जरूरी उपकरणों व प्रयोगशालाओं सहित महाविद्यालयों के फ्यूचरिस्टिक कैंपस।
- 2021 तक उद्यमिता गतिविधियों को बढ़ाना, स्टार्टअप्स को ग्रांट दिलाना और ‘इन्क्यूबेशन सेंटर्स’ की गतिविधियों को बढ़ावा देना।
नई शिक्षा नीति का होगा आदर्श क्रियान्वयन
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि नई शिक्षा नीति तीन उद्देश्यों ज्ञान, कौशल और संस्कार को प्राप्त करने की सोच से तैयार की गई है। मप्र इसका आदर्श तरीके से क्रियान्वयन करेगा। किताबी ज्ञान के साथ विद्यार्थियों को कौशल भी मिले, यह लक्ष्य है। शिक्षा को विश्वस्तरीय बनाने पर ध्यान देंगे। शिक्षा सर्वसुलभ हो, हर बच्चा स्कूल जाए, उसके बस्ते का बोझ घटे, यह लक्ष्य है। सीएम ने चेताया कि नए स्कूल खोलने का फैशन बढ़ गया है, बहुत कम विद्यार्थियों के बावजूद उसे शुरू करना उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी फैशन के लिए पीजी में एडमिशन न लें। सिर्फ तभी लें, जब उन्हें किसी विषय में विशेषज्ञता अर्जित करना हो। उन्होंने कहा कि बच्चों के कौशल विकास व नैतिक शिक्षा पर ध्यान दिया जाएगा। संगीत-नृत्य और योग की शिक्षा देना प्राथमिकता होगी। तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में शत-प्रतिशत प्लेसमेंट दिलाएंगे। मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल ने बताया कि नई शिक्षा नीति के लिए करीब सवा दो लाख सुझाव मिले।