ये अनूठा मामला मध्यप्रदेश के इंदौर का है। यहां लॉकडाउन में परिवार की आर्थिक स्थिति बिगड़ गई है। इस वजह से 12वीं क्लास की एक होनहार छात्रा के माता-पिता के पास स्कूल की फीस जमा करने के लिए पैसे नहीं थे। उसने अपने मालिक का महंगा फोन चुरा लिया। मालिक डिटेक्टिव हैं। उन्हाेंने खुद ही पड़ताल की और केस सुलझा लिया। उन्होंने छात्रा के भविष्य को देखते हुए पुलिस केस नहीं किया।
यह कहानी शहर के सुदामा नगर में रहने वाले डिटेक्टिव धीरज दुबे की। 2 अगस्त को उनका महंगा मोबाइल चोरी हो गया। घर में लगे सीसीटीवी कैमरे खंगाले। बाहरी कोई व्यक्ति नजर नहीं आया। उन्हें घर में काम करने वाली बाई की 16 साल बेटी पर शक हुआ। इसके बाद उन्होंने द्वारकापुरी थाने में आवेदन दिया। पुलिस मोबाइल चोरी की घटनाओं पर गंभीरता नहीं बरतती, इस केस में भी ऐसा ही हुआ।
ढाई हजार रुपए में दुकान पर गिरवी रख दिया था मोबाइल
इसके बाद धीरज ने खुद पड़ताल की तो पता चला कि बाई की लड़की 2 अगस्त से ही गायब थी। उसे बुलाकर बातों में उलझाया गया। पहले तो वह इंकार करती रही। सामाजिक बदनामी और भविष्य बर्बाद होने की बात आते ही वह घबरा गई। बोली, पापा के पास फीस भरने के लिए पैसे नहीं थे। मोबाइल चुराकर एक दोस्त को दिया था। उसने ढाई हजार रुपए में एक दुकान पर गिरवी रख दिया।
लॉकडाउन के कारण फीस नहीं भर पाए थे माता-पिता
धीरज दुबे ने पुलिस को सूचना देकर मोबाइल शॉप से मोबाइल छुड़वाया। बाद में छात्रा की फीस भी भर दी। दुबे ने बताया कि वह 11वीं में 71 प्रतिशत अंक लाई थी। लॉकडाउन के कारण उसके माता-पिता फीस नहीं भर सके इसलिए उसने चोरी की। उसकी नासमझी के कारण मोबाइल में जितना भी डाटा था, सब खत्म हो गया, क्योंकि मोबाइल चुराने के बाद उसने फ्लाइट मोड पर डाला और सिम तोड़कर फेंक दी थी। धीरज ने उसे पढ़ाई के बाद जॉब दिलवाने का वादा किया है।