संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने सिविल परीक्षा 2019 के परिणाम घोषित कर दिए हैं। हरियाणा के सोनीपत के रहने वाले प्रदीप सिंह ने देश में टॉप किया है। इस बार के रिजल्ट में मध्यप्रदेश की भी हिस्सेदारी अच्छी रही। प्रदेश से 19 कैंडिडेट सिलेक्ट हुए। इनमें भोपाल के अभिषेक सराफ ने टॉप-10 में जगह बनाते हुए 8वीं रैंक हासिल की। भोपाल के ही अनमोल जैन ने 14वीं, इंदौर के प्रदीप सिंह ने 26वीं रैंक हासिल की। इन 19 में 4 लड़कियां हैं। इस बार देश में 829 कैंडिडेट सफल रहे। इनमें जनरल के 304, इकोनॉमिकली वीकर सेक्शन के 78, ओबीसी के 251, एससी के 129 और एसटी के 67 कैंडिडेट्स हैं। ईडब्ल्यूएस कोटा 2019 की परीक्षा में पहली बार शामिल किया गया था। इस बार 180 कैंडिडेट आईएएस के लिए, 24 आईएफएस के लिए और 150 आईपीएस के लिए चुने गए हैं। अन्य सफल कैंडिडेट ग्रुप ए और ग्रुप बी सर्विसेज के लिए चुने गए हैं। जबकि 11 का रिजल्ट रोका गया है।
....तंगी में मां ने संघर्ष किया, उन्हीं ने काबिल बनाया
- नाम: अभिषेक सराफ
- माता: प्रतिभा सराफ
- शहर: भोपाल
- रैंक : 8वीं
आईआईटी कानपुर से सिविल इंजीनियरिंग में बीटेक अभिषेक का यह चौथा अटैम्प्ट था। अभी वह आईआरएस में हैं। उन्होंने बताया कि जन्म के 10 महीने बाद पिता गुजर गए थे। मां ने आर्थिक तंगी में मेरी व बड़े भाई की परवरिश की। उनकी पहली प्राथमिकता सुरक्षित नौकरी थी, जो मुझे मिल गई, लेकिन मैं संतुष्ट नहीं था। आज जो कुछ हूं, मां की बदौलत हूं।
चार अटैम्प्ट में असफल, इन्हीं ने आगे हिम्मत दी
- नाम: अनमोल जैन
- पिता: डॉ. संजय जैन
- शहर: भोपाल
- रैंक : 14वीं
आईआईटी दिल्ली से टेक्सटाइल इंजीनियरिंग में बीटेक अनमोल का यह 5वां अटैम्प्ट था। भारतीय वन सेवा-2019 में तीसरी रैंक थी, ज्वाइनिंग करने वाले थे। यह रिजल्ट आ गया। अनमोल ने बताया कि पहले चार अटैम्प्ट में सफलता नहीं मिली, लेकिन उन्हीं से सीखा और कमजोरियां दूर कर स्ट्रैंथ बढ़ाता गया। अनमोल के माता-पिता दोनों डॉक्टर हैं।
आईपीएस हूं, आईएएस बन अब सपना पूरा किया है
- नाम: निधि बंसल
- पिता: गिर्राज बंसल
- शहर: कैलारस, मुरैना
- रैंक : 23वीं
पांचवां प्रयास था। पिता बिजनेसमैन और मां ग्रहिणी हैं। 2013 में बेंगलुरू में एक आईटी कंपनी ज्वाइन की, पर ऑफिस जॉब में मन नहीं लगा। नौकरी छोड़ी और आईएएस की तैयारी में जुट गई। 2016 में सिलेक्ट हुई, आईपीएस बनीं। सपना अधूरा था तो फिर परीक्षा दी। 2017 में भी आईपीएस ही मिला। 2018 में मेरिट में नहीं आई। अब मनचाही सफलता मिली।
बेटे को अफसर बनाने पिता ने बेच दिया घर
- नाम: प्रदीप सिंह
- माता: मनोज सिंह
- शहर: इंदौर
- रैंक : 26वीं
इंदौर के प्रदीप सिंह मूलत: बिहार के गोपालगंज के हैं। उन्होंने दूसरी बार यूपीएससी पास की है। अभी वह आईआरएस अफसर हैं। उन्होंने बताया कि पिछली बार 93वीं रैंक थी, इसलिए आईएएस नहीं बन सका। प्रदीप के पिता पेट्रोल पंप पर काम करते हैं। उन्होंने प्रदीप की पढ़ाई के लिए घर भी बेच दिया था।