रामजन्म भूमि आंदोलन में दो बार गिरफ्तार किए गए थे इंदौर के कवि भगवानदास पहलवानी

Posted By: Himmat Jaithwar
8/5/2020

4 अगस्त। रामजन्म भूमि आंदोलन के दौरान इंदौर के कवि भगवान दास पहलवानी की पहली गिरफ्तारी रथयात्रा रोकने के विरोध में आत्मदाह करने की घोषणा को लेकर हुई थी। उन्होंने इन पंक्तियों से रथयात्रा का स्वागत किया था।
सोमनाथ से चलके अयोध्या, राह में फूल खिलाना है
जिनकी तरसी आंखें उनको, राम से तुम्हें मिलाना है
मानव धर्म बचाना रे बंधु, मानव अलख जगाना है
मानव अलख जगाना रे बंधु, मानव धर्म बचाना है।

वे आत्मदाह कर लेंगे। 23 अक्टूबर 1990 को बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने समस्तीपुर में रथयात्रा रोककर आडवाणी को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के तत्काल बाद इंदौर पुलिस ने भगवान दास पहलवानी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। वे 13 दिन तक जेल में ही रहे। बाद में उनपर मुकदमा चला और वह बरी हो गए। उस दौरान वे अकेले व्यक्ति थे जिन्हें गिरफ्तार किया गया।
दो साल बाद भगवान की कविता पर चले चाकू
1992 में रामजन्म भूमि आंदोलन के तहत अयोध्या की बाबरी मस्जिद का विरोध तेज हो गया। देशभर के कारसेवक अयोध्या पहुंचने गए। उसी दौरान सत्यनारायण सत्तन में 5 दिसंबर 1992 को राजवाड़ा पर एक शाम राम के कार्यक्रम आयोजित किया। इसमें देशभर के कवियों को बुलाया गया था। रात करीब 11.30 बजे कवि भगवान दास पहलवाननी का नंबर आया। उन्होंने कविता सुनाना शुरू किया
गंगाजल को हाथ में ले लो, सौगंध तुम्हें यह खाना है
मंदिर तो अब वहीं बनेगा, मस्जिद के निशां मिटाना है
यह लाइनें सुनते ही जनता ने जय सिया राम के नारे लगाना शुरू कर दिया। वहां मौजूद कुछ असामाजिक तत्वों ने इन नारों पर गुस्सा दिखाकर चाकूबाजी शुरू कर दी। भगदड़ मच गई। कई लोग घायल हो गए। पुलिस ने भगवानदास पहलवानी को सुबह करीब 4 बजे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। पहली गिरफ्तारी उन्हीं की हुई। बाद में चाकूबाजी करने वालों को भी पकड़ लिया गया। अगले दिन यानी दिंसबर को कारसेवकों ने अयोध्या में बाबरी मस्जिद ढहा दी। इस घटना के बाद शहर में करीब 8 दिन कर्फ्यू लगा रहा। जब तक कर्फ्यू नहीं हटा तब तक भगवान को भी जेल में ही रखा गया था। बाद में वे इस मुकदमे से भी बरी हो गए।



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