श्रावण सोमवार को श्रवण नक्षत्र के साथ ही कई शुभ योगों के बीच रक्षाबंधन पर्व मनाया जाएगा। सुबह 9:29 बजे तक अशुभ भद्रा व राहू काल दोनों ही रहेंगे, इसलिए पंडितों का मत है कि यह समय बीत जाने के बाद ही राखी बंधवाएं। महामारी के संक्रमण से बचाव के लिए लॉकडाउन होने के कारण लोग घरों में ही पर्व मनाएंगे। जिन बहनों के भाई उनके घर नहीं आ सकेंगे, वे बहनें उनके नाम से भगवान गणेश अथवा श्रीकृष्ण की प्रतिमा को राखी बांध कर भाई की दीर्घायु के लिए प्रार्थना करेंगी। इसके बाद वे परंपरानुसार श्रीकृष्ण जन्माष्टमी से पहले किसी शुभ मुहूर्त में भाई के घर आने पर उसे राखी बांधेंगी। पंडितों के अनुसार रक्षाबंधन पर श्रावण नक्षत्र के साथ ही सर्वार्थ सिद्धि, आयुष्मान, समसप्तक व आनंद योग भी रहेगा। यह संयोग इसके पूर्व 1991 में हुआ था। अशुभ माना गया राहू काल सुबह 9:05 तक और भद्रा योग इस दिन सुबह 9:29 मिनट तक और ही रहेगा, इसलिए इन दोनों अशुभ काल का समय बीत जाने के बाद ही राख बंधवाना चाहिए।
ब्रह्माकुमारी संस्थान के गुलमोहर सेवा केंद्र की प्रभारी बीके रीना व अन्य बहनों ने अपने हाथों से बनाईं राखियां आश्रम के भाइयों को भेंट की। उपहार स्वरूप मास्क व सैनिटाइजर भी दिया।
संस्था भोपाल नागरिक कल्याण समिति के सदस्यों ने कोटरा समेत कई क्षेत्रों में पेड़ों को रक्षा सूत्र बांध कर उनकी सुरक्षा का संकल्प लिया। समिति अध्यक्ष रमेश राठौर, कमल गर्ग, कमलेश आदि शामिल थे।
सावन का अंतिम सोमवार भी आज मंदिरों में होगा भोलेनाथ का शृंगार
श्रावण माह के पांचवें व अंतिम सोमवार पर श्रद्धालु घरों में रहकर ही भगवान भोलेनाथ की पूजा-अर्चना करेंगे। ओम नम: शिवाय मंत्र जाप, शिव चालीसा व स्त्रोत आदि के पाठ कर भोलेनाथ से कोरोना के खात्मे के लिए प्रार्थना भी की जाएगी। शहर के गुफा, नेवरी, गिन्नौरी, बड़वाले महादेव व मुक्तेश्वर महादेव मंदिर छोला विश्रामघाट समेत कई अन्य शिवालयों में पंडित और पुजारी भोलेनाथ का अभिषेक व पूजा करेंगे। कई मंदिरों में भगवान का चंदन व पुष्पों आदि से विशेष शृंगार किया जाएगा। बड़वाले महादेव मंदिर में बटेश्वर महादेव का शृंगार कर लोगों को सोशल मीडिया के माध्यम से दर्शन कराए जाएंगे।
श्रावणी उपाकर्म भी होंगे आज
इसी दिन पंडितों व अन्य लोगों द्वारा श्रावणी उपाकर्म भी किए जाएंगे। दशविधि, हेमाद्रि स्नान के साथ ही यज्ञोपवीत संस्कार भी होंगे। यह तालाबों व नदियों के घाट पर करने की परंपरा है, पर इस बार सभी लोग घरों में रहकर ही यह संस्कार संपन्न करेंगे।
आनंद योग सुबह से गोधूलि बेला तक रहेगा
इस दिन श्रवण नक्षत्र, सावन सोमवार व पूर्णिमा होने से आनंद योग रहेगा। यह योग सुबह से गोधूलि बेला तक रहेगा, इसलिए शाम तक के मुहूर्त में राखी बंधवाना अति श्रेष्ठ व शुभ फलकारी रहेगा। इस दिन पंडित ऑनलाइन रहकर सभी संस्कार कराएंगे।