मध्यप्रदेश और राजस्थान की सीमा क्षेत्र में बसा है जिला श्योपुर, नक्शे में तो यह मध्य प्रदेश में आता है परंतु वास्तविकता यह है कि यहां के नागरिक आधे मध्य प्रदेश के हैं आधे राजस्थानी। सीमा क्षेत्र में घने जंगलों के बीच बसे इस जिले में स्वाभाविक है, सुविधाओं का काफी अभाव है। इसी श्योपुर में जूते बनाने वाले एक व्यक्ति की बेटी ने रिकॉर्ड बना डाला। उसने 12th क्लास में 97% अंक हासिल करके मध्यप्रदेश में तीसरा स्थान प्राप्त किया है।
साइंस बायोलॉजी ग्रुप मध्य प्रदेश स्टेट लेवल मेरिट लिस्ट में तीसरे नंबर पर दर्ज मधु आर्य की माताजी बताती है कि "हम बहुत खुश हैं, हमने उसे बड़ी मुश्किल से पढ़ाया और उसने भी पूरी रात बहुत कड़ी मेहनत की। मधु ने बताया कि मैंने कड़ी मेहनत की है। मैं सुबह 4 बजे उठती थी और हर दिन 8-10 घंटे पढ़ाई करती थी। मैं डॉक्टर बनना चाहती हूँ। मैं NEET की तैयारी कर रही हूं।
MORAL of THE STORY
मोरल ऑफ द स्टोरी यह है कि यदि परिस्थितियां खराब हो और सुविधाओं का अभाव हो तो निराश होकर पेरेंट्स या भगवान को दोष देने से अच्छा है मेहनत का प्रतिशत बढ़ा दिया जाए क्योंकि कड़ी मेहनत से तो रूठे हुए देवता भी प्रसन्न हो जाते हैं। वैसे भी दूसरों को दोष देने से अपना फ्यूचर स्ट्रांग नहीं होता।