केजरीवाल सरकार ने राजधानी में कोरोना वायरस का संक्रमण रोकने के लिए 31 मार्च तक लॉकडाउन करने की घोषणा कर दी है. केजरीवाल ने साथ ही कहा कि दिल्ली एयरपोर्ट से हर तरह की उड़ानें 31 मार्च तक पूरी तरह से बंद रहेंगी, वहीं, केंद्र सरकार के डीजीसीए ने कहा कि घरेलू उड़ानें बंद नहीं की जाएंगी. इससे जाहिर है कि केंद्र और राज्य एक बार फिर आमने-सामने हैं.
नई दिल्ली। कोरोना वायरस के तेजी से बढ़ते खतरे से निपटने के सख्त कदमों के बीच केंद्र और केजरीवाल सरकार में एक बार फिर टकराव सामने आया है. केजरीवाल सरकार ने राजधानी में कोरोना वायरस का संक्रमण रोकने के लिए 31 मार्च तक लॉक डाउन करने की घोषणा कर दी है. केजरीवाल ने साथ ही कहा कि दिल्ली एयरपोर्ट से घरेलू उड़ानें 31 मार्च तक पूरी तरह से बंद रहेंगी, वहीं, केंद्र सरकार के डीजीसीए ने कहा कि घरेलू उड़ानें बंद नहीं की जाएंगी वो यथावत जारी रहेंगी. ऐसे में मोदी सरकार और केजरीवाल सरकार आमने-सामने आ गई है.
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कोरोना वायरस के खतरों को देखते हुए 31 मार्च तक के लिए दिल्ली में पूरी तरह से लॉकडाउन कर दिया है. इसके तहत दिल्ली की सभी गैर जरूरी सेवाओं और दुकानों को अस्थायी तौर पर बंद कर दिया गया है. सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि 31 मार्च तक दिल्ली में किसी भी घरेलू उड़ान की न तो लैंडिंग होगी और नहीं टेकऑफ होंगी. इस तरह से केजरीवाल ने एयरपोर्ट की सभी सेवाएं बंद रहने का ऐलान किया था.
केजरीवाल के दिल्ली लॉकडाउन में घरेलू उड़ानों पर बंद करने फैसले को रविवार की शाम को ही नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने पलट दिया. डीजीसीए ने ट्वीट कर कहा है कि दिल्ली एयरपोर्ट का संचालन जारी रहेगा. दिल्ली से सभी घरेलू उड़ानें संचालित होती रहेंगी और हवाई अड्डे कार्य करते रहेंगे उन्हें बंद नहीं किया जाएगा.
दरअसल हवाई जहाजों की उड़ान केंद्र सरकार के नागरिक उड्डयन मंत्रालय के तहत आता है. ऐसे में केंद्र सरकार के पास अधिकार है कि वो हवाई जहाजों के उड़ानों को संचालित करे या प्रतिबंधित कर सकती हैं. इसी के तहत DGCA ने निर्णय लिया है कि आईजीआईए दिल्ली से सभी घरेलू उड़ानों का संचालन जारी रहेगा और हवाई अड्डा कार्यशील रहेंगे.
हालांकि, सीएम केजरीवाल ने लॉकडाउन का फैसला लिया था और हवाई जहाजों के घरेलू उड़ानों और लैंडिंग पर रोक लगाने का फैसला किया था तो एलजी अनिल बैजल साथ में उपस्थित थे. एलजी दिल्ली में केंद्र सरकार के प्रतिनिधि के तौर पर हैं. ऐसे में दिल्ली सरकार के फैसले को DGCA पलटने पर टकराव बढ़ सकता है. आम आदमी पार्टी के नेता और केजरीवाल सरकार लगातार तर्क दे रही है कि कोरोना वायरस से लड़ने के लिए हमें नहीं लगता कि उड़ानों को काम करने देना चाहिए. दिल्ली में पूरी तरह लॉकडाउन किया जाना चाहिए.
वहीं, ये भी सवाल उठता है कि दिल्ली में जब केजरीवाल सरकार ने पूरी तरह से लॉकडाउन कर रखा है, जिसमें सभी तरह से वाहनों के चलने पर रोक लगा रखी है. इनमें निजी बसों, टैक्सियों, कैब, ऑटोरिक्शा और बैट्री रिक्शा तक बंद कर दिए गए हैं. ऐसे में अगर दिल्ली में घरेलू उड़ाने जारी रहेंगी तो लोग हवाई अड्डे पर उतरने के बाद अपने घर कैसे पहुंचेंगे. हालांकि, केजरीवाल सरकार ने दिल्ली में 25 फीसदी डीटीसी बसों को केवल चलाने की अनुमति दे रखी है वो भी जरूरी कामों के लिए. अब देखना है कि केंद्र और राज्य सरकार कैसे आपस में समंजस्य बनाते हैं.