एंट्रेस एग्जाम 6 से 11 सितंबर तक, जानिए कैसे दिए जाएंगे इसमें नंबर

Posted By: Himmat Jaithwar
7/21/2020

दिल्ली विश्वविद्यालय में शैक्षिक सत्र-2020-21 के लिए यूजी, पीजी पाठ्यक्रमों में एडमिशन के लिए रजिस्ट्रेशन की तिथि 31 जुलाई तक बढ़ा देने से रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया जोरों पर है. वहीं उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एमफिल, पीएचडी प्रोग्राम में रजिस्ट्रेशन हो रहे हैं. डीयू में 16 संकाय और 86 शैक्षणिक विभागों में एमफिल, पीएचडी प्रोग्राम कराया जाता है. 31 जुलाई तक स्टूडेंट्स विज्ञान, वाणिज्य और मानविकी विषयों में ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं. उसके बाद फॉर्म की स्कूटनी और वेरिफिकेशन के बाद ही एंट्रेंस एग्जाम होंगे. डीयू ने अपने पोर्टल पर इसकी तिथि घोषित कर दी है.

डीयू ने एंट्रेंस की तिथि घोषित की

डीयू ने प्रवेश परीक्षा आधारित कोर्सेज की परीक्षाएं 6 सितंबर से आयोजित करने की घोषणा की है. ये परीक्षाएं 11 सितंबर तक चलेंगी. दिल्ली यूनिवर्सिटी एडमिशन एंट्रेंस टेस्ट का आयोजन नेशनल टेस्टिंग एजेंसी द्वारा कराया जाएगा. बता दें कि इस साल कोरोना के कारण डीयू ईटी परीक्षा- 2020 कुछ देर से हो रही है. इस संबंध में डीयू ने सोमवार को नोटिस में कहा कि प्रवेश परीक्षा के आवेदन में फीस जमा होने के बाद चयनित कोर्स में कोई बदलाव नहीं किया जा सकता. साथ ही परीक्षा केंद्र में भी बदलाव नहीं किया जा सकेगा.

दिल्ली यूनिवर्सिटी की एकेडेमिक काउंसिल के पूर्व सदस्य व पूर्व एडमिशन कमेटी के सदस्य प्रोफेसर हंसराज 'सुमन' ने बताया कि दिल्ली विश्वविद्यालय के अंडर ग्रेजुएट कोर्सेज, पोस्ट ग्रेजुएट कोर्सेज के अलावा एमफिल व पीएचडी प्रोग्राम में एडमिशन के लिए नेशनल टेस्टिंग एजेंसी यह प्रवेश परीक्षा आयोजित करती है. इसे दिल्ली यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट के नाम से ही जाना जाता है. प्रोफेसर सुमन ने बताया कि जो छात्र प्रवेश परीक्षा पास कर लेते हैं उन्हें उस कोर्सेज में एडमिशन मिल जाता है. कुछ कोर्सेज को छोड़कर जहां इंट्रेंस के बाद इंटरव्यू लेने की प्रक्रिया है. वहां छात्रों का चयन करने के लिए प्रवेश परीक्षा ली जाती है ताकि छात्रों की छंटनी हो जाए और बेहतर, योग्य को प्रवेश मिले.

कोरोना महामारी में भी नहीं हुआ डीयू का क्रेज कम

प्रो सुमन ने कहा कि जहां देश में कोरोना को लेकर संकट छाया हुआ है ऐसी स्थिति में भी दिल्ली विश्वविद्यालय का छात्रों के बीच क्रेज देखने को मिल रहा है. इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पिछले साल की अपेक्षा रजिस्ट्रेशन करने वाले छात्रों में कमी नहीं आई है. यहां के सिलेबस और शिक्षा की गुणवत्ता के कारण हर साल लाखों छात्रों की पहली पसंद दिल्ली विश्वविद्यालय होता है. इसलिए देशभर के अलावा विदेशों से भी छात्र यहां एडमिशन के लिए आवेदन करते हैं. कोरोना के चलते डीयू में दो बार प्रवेश के लिए आवेदन की अंतिम तिथि को आगे बढ़ाकर 18 जुलाई से अब 31 जुलाई तक किया गया.

क्या है प्रवेश परीक्षा का प्रारूप

दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा लिया जा रहा प्रवेश परीक्षा टेस्ट (एडमिशन एंट्रेंस टेस्ट) शैक्षिक सत्र-2020-21 सीबीटी यानी कम्प्यूटर बेस्ड टेस्ट है. टेस्ट की अवधि दो घंटे की है. इसमें मल्टीपल चॉइस क्वेश्चन पूछे जाते हैं. परीक्षा का माध्यम (हिंदी) भाषा को छोड़कर अंग्रेजी भी है. नेगेटिव मार्किंग है, इसलिए सोच समझकर किसी प्रश्न का उत्तर दें.

एंट्रेंस परीक्षा में भी मिलता है आरक्षण

प्रोफेसर सुमन ने बताया है दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रवेश लेने वाले सीधे मार्क्स के आधार पर या एंट्रेंस एग्जाम के आधार पर एडमिशन लेने वाले दोनों ही प्रोग्राम में उन्हें केंद्र सरकार की आरक्षण नीति के तहत एडमिशन दिया जाता है. उन्होंने बताया है कि एससी--15 %,एसटी--7:5 %,ओबीसी--27 %आरक्षण दिए जाने का प्रावधान है. इसके अलावा पीडब्ल्यूडी व ईडब्ल्यूएस से एडमिशन लेने वाले छात्रों को भी आरक्षण का लाभ मिलता है.

उन्होंने बताया कि दिल्ली विश्वविद्यालय में ईडब्ल्यूएस आरक्षण के कारण यूजी, पीजी, और एमफिल और पीएचडी की सीटों में इजाफा हुआ है. हालांकि इस बार छात्रों के परीक्षा परिणाम को देखते हुए हाई कट ऑफ जाने की उम्मीद है लेकिन निराश न हो डीयू में एसओएल, दिल्ली में ही इग्नू व छात्राओं के लिए नॉन कॉलेजिएट है जहां वे प्रवेश ले सकती हैं और डीयू में एडमिशन लेने का सपना पूरा हो सकता है.




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