भोपाल। भारतीय जनता पार्टी के विधायक शरद कोल के लिए दो नाव की सवारी भारी पड़ गई है। भाजपा में रहकर समय-समय पर कमल नाथ सरकार के साथ खड़े होते रहे शरद कोल का इस्तीफा भी विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने स्वीकार कर लिया है।
बताया जा है कि पिछले दिनों मुख्यमंत्री कमल नाथ के प्रति वफादारी दिखाने के लिए उन्होंने चुपके से अपना त्यागपत्र लिखकर दे दिया था। उन्हें अनुमान था कि कमल नाथ सरकार मुसीबतों को पारकर बनी रहेगी।
6 बागी विधायकों के इस्तीफे स्वीकार किए तो कांग्रेस ने भी पलटवार कर दिया
इस बीच कल सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर विधानसभा अध्यक्ष ने जब कांग्रेस के 16 बागी विधायकों के इस्तीफे स्वीकार किए तो कांग्रेस ने भी पलटवार कर दिया। शुक्रवार को विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने पत्रकार वार्ता में इसकी पुष्टि करके चौंका दिया कि उन्होंने भाजपा विधायक शरद कोल का भी त्यागपत्र मंजूर कर लिया है।
शरद कोल ने विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर सफाई दी
इस खुलासे के बाद शरद कोल ने विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर सफाई दी है कि उनका इस्तीफा दबाव में लिखवाया गया है, इसलिए उनका इस्तीफा स्वीकार न किया जाए। हालांकि विधानसभा प्रक्रिया के जानकार बता रहे हैं कि विधायक इस्तीफा देने के बाद और उसे स्वीकार करने से पहले अपना इस्तीफा वापस लेना चाहे तो ऐसा कर सकता है। इस संबंध में कोल ने जो पत्र लिखा है, वह 16 मार्च का है। लेकिन विधानसभा अध्यक्ष ने 20 मार्च को इस्तीफा स्वीकार किया। जाहिर है, कोल के इस्तीफे का मामला अभी आगे नियम-कायदों में उलझेगा।