भोपाल। मध्य प्रदेश असेंबली में फ्लोर टेस्ट से पहले ही कमलनाथ ने राज्यपाल लालजी टंडन से मिलकर मुख्यमंत्री पद से अपना इस्तीफा सौंप दिया. इसके साथ ही 459 दिन चली कमलनाथ का कार्यकाल खत्म हो गया. कमलनाथ ने 17 दिसंबर 2018 को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी. कमलनाथ ने भारतीय जनता पार्टी पर हॉर्स ट्रेडिंग के जरिए एक चुनी हुई सरकार को अस्थिर करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि भाजपा ने हमारे 22 विधायकों को प्रलोभन देकर इस्तीफा दिलाया. हालांकि कमलनाथ के इस्तीफे के बाद बीजेपी से अगला सीएम कौन होगा अभी यह तय नहीं हुआ है. लेकिन इस रेस में तीन नामों की चर्चा राजनीतिक गलियारों में तेजी से चल रही है.
गौरतलब है कि 10 मार्च को ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद कांग्रेस में इस्तीफों की झड़ी लग गई. 22 विधायकों ने भी हाथ का साथ छोड़ दिया. इस्तीफों के दौर के बाद कमलनाथ सरकार अल्पमत में आ गई थी.
राजनीतिक पंडितों की मानें तो शिवराज सिंह चौहान इस रेस में सबसे आगे चल रहे हैं. क्योंकि विधानसभा में उनकी पसंद के विधायकों की संख्या सबसे ज्यादा है. इसके अलावा, नरोत्तम मिश्रा, केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भी मुख्यमंत्री पद की रेस में हैं. हालांकि सीएम की कुर्सी पर कौन बैठेगा यह तय नहीं हुआ है. बीजेपी के प्रवक्ता संबित पात्रा ने इस संबंध में कहा कि बीजेपी का संसदीय बोर्ड तय करेगा कि मुख्यमंत्री कौन बनेगा.
मुख्यमंत्री उम्मीदवार को लेकर राकेश सिंह ने कहा कि इसका निर्णय शीर्ष नेतृत्व करेगा. पार्टी ही सीएम का चेहरा डिसाइड करती है. जो भी आगे के काम होते हैं वह विधिवत रूप से पार्टी कर रही है. जल्द ही सीएम के नाम की घोषणा पार्टी करेगी.
अगर लोकप्रियता की बात करें प्रदेश में 13 साल तक मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे शिवराज सिंह चौहान को बाकियों की तुलना में सबसे प्रबल दावेदार माना जा रहा है. शिवराज कई मंचों से यह कह चुके हैं कि टाइगर अभी जिंदा हैं.