भोपाल. राजभवन में कोरोना संक्रमित मरीज मिलने का सिलसिला थम नहीं रहा है। भोपाल में बुधवार को 57 नए मरीज मिले। इनमें 12 राजभवन के सुरक्षाकर्मी हैं। इसी के साथ राजभवन परिसर में रहने वाले संक्रमितों की संख्या 13 से बढ़कर 25 हो गई है। स्वास्थ्य संचालनालय के अफसराें के अनुसार यहां एक सुरक्षाकर्मी की लापरवाही से 15 अन्य संक्रमित हो गए। सबसे पहले संक्रमित सुरक्षाकर्मी को 16 जून काे बुखार आया था। 17 जून काे उसका सैंपल जांच के लिए लिया गया।
इसके बाद वह सुरक्षाकर्मी न तो क्वारेंटाइन सेंटर में शिफ्ट हुआ, न ही उसे होम आइसोलेट किया गया। वह 21 जून तक राजभवन में ड्यूटी करता रहा। 22 जून काे रिपाेर्ट पाॅजिटिव अाने के बाद उसके दाे अन्य साथियाें ने अपने सैंपल जांच के लिए दिए थे, जिनकी रिपाेर्ट पाॅजिटिव आई। इसके बाद इन दाेनाें मरीजाें के संपर्क में रहे 12 अन्य सुरक्षा कर्मियों ने सैंपल जांच को दिए थे, जो अब पॉजिटिव मिले हैं। राजधानी में अब 2819 कोरोना पॉजिटिव हो गए हैं।
10 हजार टीमें एक दिन में करेंगी 10 लाख घरों का सर्वे
मप्र में 1 जुलाई से ‘किल कोराना’ अभियान चलेगा। इसमें 10 हजार टीम एक दिन में 10 लाख घरों का सर्वे करेंगी। हर टीम 100 घरों में पहुंचेगी। सर्वे में बुखार, सर्दी-खांसी के साथ डेंगू, मलेरिया आदि का ब्योरा भी जुटाया जाएगा। अभियान की शुरुआत भोपाल से होगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को सभी कमिश्नर-कलेक्टर से कहा कि इसके लिए 3 लाख लोगों को जांच, उपचार, क्वांरेंटाइन, सर्विलांस आदि का प्रशिक्षण दिया गया है।
बढ़ रही क्षमता
बैठक में बताया गया कि इस समय जांच क्षमता 9 हजार है, जल्द ही 16 हजार से अधिक हो जाएगी। प्रदेश में कुल 24235 जनरल बेड, 8924 ऑक्सीजन बेड और1105 आईसीयू बेड उपलब्ध हैं। जुलाई अंत तक 1733 आईसीयू बेड, करीब 12 हजार ऑक्सीजन बेड उपलब्ध होंगे। करीब 12 हजार पॉजिटिव केस में कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग का काम पूरा हो गया है। यह भोपाल, उज्जैन व बुरहानपुर में 100 प्रतिशत, इंदौर में 99 और ग्वालियर में 98 प्रतिशत है। फीवर क्लीनिक के मामले में सर्वाधिक जागरूक भोपाल के नागरिक हैं,यहां प्रति क्लीनिक औसतन 304 लोग पहुंच चुके हैं।
ऐसे होगा सर्वे
स्वास्थ्य, आशा, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सर्वे करेंगे।
कोविड मित्र बनाए जाएंगेे।
एडवांस टीम होगी, जो सर्वे टीम के आने की सूचना लोगों काे देगी।
सर्वे में बुखार, सर्दी-खांसी, जुकाम का पता लगाएंगे।
लक्षण मिलने पर एडवाइज व इलाज का इंतजाम होगा।
सार्थक एप से जानकारी की एंट्री की जाएगी।
कंटेनमेंट जोन 21 दिन का नहीं होगा
स्वास्थ्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि 21 दिन का कंटेनमेंट जोन नहीं होगा। जहां मरीज मिले, उसके पास 3 घरों को कंटेनमेंट माना जाए। 5 दिन बाद मरीज नहीं मिलने पर खोल दिया जाए।