निर्भया के दोषी 20 मार्च को होने वाली फांसी को टालने के लिए सारे हथकंडे अपना रहे हैं। हालांकि इस बार उनका कोई भी कानूनी दांव काम करता नहीं दिखाई दे रहा है। दोषी मुकेश की याचिका खारिज होने के बाद गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने पवन की क्यूरेटिव पिटीशन को भी खारिज कर दिया है। इसके साथ ही राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पवन और अक्षय द्वारा दोबारा लगाई गई दया याचिकाओं पर विचार करने से मना कर दिया है। इसके साथ ही अब 20 मार्च को चारों दोषियों को फांसी होने का रास्ता लगभग साफ हो गया है।
इसके पूर्व एक दोषी अक्षय की पत्नी ने उससे तलाक की मांग करते हुए बिहार की औरंगाबाद कोर्ट में याचिका दायर की थी। इस याचिका पर गुरुवार को सुनवाई होने वाली थी लेकिन अब सुनवाई 24 मार्च को तय की गई है। ऐसे में एक बार फिर चारों दोषियों को फांसी दी जाने पर सिर्फ एक मात्र यह अड़चन हो सकती है। दरअसल कोर्ट ने साफ किया है कि चारों दोषियों की फांसी एक साथ ही होगी ऐसे में अगर अक्षय की पत्नी द्वारा लगाई गई याचिका पर अगर तय वक्त पर सुनवाई नहीं हो पाती है तो फांसी की सजा एक बार फिर टल सकती है।
निर्भया के दोषियों को फांसी पर टांगने के लिए दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट द्वारा चौथा डेथ वारंट जारी किया गया है। इसके पहले तीन डेथ वारंट किसी न किसी कानूनी पेच की वजह से अंजाम तक नहीं पहुंच सके थे। अक्षय के अलावा एक अन्य दोषी मुकेश ने भी अपने वकील के खिलाफ याचिका लगाई थी। एक दोषी ने राष्ट्रपति के समक्ष दोबारा दया याचिका दायर कर दी। ऐसे में कानूनी दावपेंच दोषियों की फांसी की सजा में रुकावट बनते दिख रहे हैं।
बता दें कि कोर्ट ने सबसे पहला डेथ वारंट 22 जनवरी के लिए जारी किया था। उसके बाद 1 फरवरी फिर 3 मार्च के लिए डेथ वारंट जारी हुआ था। चौथा डेथ वारंट 20 मार्च के लिए जारी हुआ है। इस तारीख को सुबह 5.30 बजे दोषियों को फांसी दी जाना है।
सामूहिक दुष्कर्म के बाद हुई थी हत्या
निर्भया के साथ 16 दिसंबर 2012 को दिल्ली में चलती बस में 6 बदमाशों द्वारा सामूहिक दुष्कर्म किया गया था। इसके बाद उसकी जघन्य तरीके से हत्या कर दी गई थी। इस मामले में पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था। कोर्ट में ट्रायल के दौरान एक आरोपी ने जेल में फांसी लगा ली थी, वहीं कोर्ट ने अपने फैसले में एक आरोपी को नाबालिग होने पर राहत दी थी। अन्य चार आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने भी यह सजा बरकरार रखी थी।