मरने वालाें में 98 मरीजों को शुगर, 96 को हायपर टेंशन, पहले से बीमार मरीज का शरीर बढ़ते वायरस को नहीं रोक पाता

Posted By: Himmat Jaithwar
6/22/2020

इंदौर. (नीता सिसौदिया). कोराेना संक्रमण से दम तोड़ने वाले मरीजों की संख्या 201 तक पहुंच गई है। अब तक जितने मरीजों की मौत हुई उनमें से 98 ऐसे थे, जिन्हें शुगर और 96 मरीजों को हायपर टेंशन (बीपी) की शिकायत थी। इसके अलावा इनमें 35 मरीज ऐसे थे, जिन्हें पहले से हार्ट की गंभीर बीमारी थी। कुल मरीजों की बात करें तो मरने वाले मरीजों में 90 फीसदी मरीज ऐसे थे, जिन्हें पूर्व से ही कोई ना कोई गंभीर बीमारी थी, जिसके कारण कोरोनावायरस का संक्रमण उनके लिए घातक साबित हुआ।

यह खुलासा राज्य सरकार की रिपोर्ट भी करती है, जिसमें हर मरीज की मौत का कारण ढूंढने की कोशिश की। मुख्य रूप से यही बात सामने आई कि बीपी और शुगर की बीमारी वाले मरीजों के लिए वायरस का खतरा सबसे ज्यादा रहा। कुछ मरीज ऐसे भी थे, जिन्हें यह दोनों ही बीमारी थी, जिसके कारण इन्हें बचाना मुश्किल हुआ।

विशेषज्ञों के अनुसार वायरस जब शरीर में जाता है तेजी से मल्टीप्लाई होता है। जिसके कारण वायरल लोड ज्यादा हो जाता है। शुगर या अन्य बीमारी के मरीजों का शरीर इन वायरस की संख्या को रोक नहीं पाता है और इनकी संख्या लाखों तक पहुंच जाती है, जबकि स्वस्थ्य व्यक्ति यदि संक्रमित होता भी है तो उनकी इम्युनिटी वायरस को गले तक पहुंचने के बाद ही रोक देती है। इसके अलावा यह भी निकल कर आया कि कुछ मरीज ऐसे भी थे जिन्हें समय पर इलाज नहीं मिला, जिसके कारण उनकी मौत हो गई। 

सर्विलेंस समय पर ना होना भी एक कारण बताया गया है। डॉक्टरों के अनुसार कोरोना संक्रमण से केवल उन्हीं मरीजों की जान गई, जिन्हें किसी ना किसी प्रकार अन्य बीमारियां भी थी, जिसके कारण उनका शरीर कोविड-19 वायरस के संक्रमण से नहीं लड़ पाया। इसके उलट स्वस्थ्य व्यक्ति संक्रमित होने के बावजूद बीमारी से आसानी से बाहर आ गया, क्योंकि वायरस के अटैक को उनका शरीर झेल गया और बीमारी को बढ़ने नहीं दिया। 

मृतकों में 7 टीबी मरीज

  • 98 मरीजों को शुगर
  • 96 को हायपरटेंशन
  • 35 को हार्ट संबंधी बीमारियां
  • 23 को अस्थमा और सीओपीडी
  • 7 को टीबी

61 से 70 साल के बीच सबसे ज्यादा 66 मरीजों की हुई मौत
कोविड-19 के कारण दम तोड़ने वाले मरीजों में सबसे ज्यादा संख्या 61 साल से 70 साल के बीच के मरीजों की थी। इस उम्र के 66 मरीजों की मौत हुई। वहीं, 21 साल से 30 साल की उम्र तक के दो मरीजों ने भी दम तोड़ा। 51 साल से 60 साल के बीच 53 मरीजों की मौत हुई। 71 साल से 80 साल के बीच 28 मरीजों की मौत हुई। 

उम्र संख्या (प्रतिशत में)
21-30 साल 1
31-40 साल 7
41-50 साल 15
51-60 साल 27
61-70 साल 32



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