रतलाम। मुख्यमंत्री शहरी असंगठित कामगार एकीकृत पोर्टल में अभी तक 21 हजार 549 पथ विक्रेताओं ने पंजीयन करवाया है। पंजीयन का अभियान 8 जून को शुरू हुआ था, जो 25 जून तक चलेगा।
गौरतलब है कि कोविड-19 महामारी के दौरान नगरीय क्षेत्रों के पथ विक्रेताओं की आजीविका पर पड़े प्रभाव को कम करने के लिए भारत सरकार द्वारा 'आत्मनिर्भर भारत-2' के अन्तर्गत प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर आत्म निर्भर निधि योजना की घोषणा की गयी है। इसी क्रम में मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान ने 6 जून को 'मुख्यमंत्री शहरी असंगठित कामगार एकीकृत पोर्टल' का शुभारंभ किया था।
इस योजना में मध्यप्रदेश के 18 वर्ष से अधिक आयु वाले शहरी पथ विक्रेता पात्र होंगे। पंजीकरण के लिए पथ विक्रेता के पास आधार नम्बर, समग्र आईडी तथा बैंक खाता होना अनिवार्य है। यदि उसके पास यह दस्तावेज नहीं होते हैं तो नगरीय निकाय के अधिकारियों द्वारा उन्हें दस्तावेज बनवाने के लिए मार्गदर्शन एवं सहयोग दिया जाता है। पंजीकरण के पश्चात् पथ विक्रेताओं को पहचान-पत्र व विक्रय प्रमाण-पत्र दिया जाएगा तथा 10 हजार रूपये की कार्यशील पूंजी ऋण बैंकों के माध्यम से प्रदान की जाएगी।
भारत सरकार द्वारा 7 प्रतिशत का ब्याज अनुदान प्रति त्रैमास, ऋण का मासिक किश्तें नियमित जमा करने पर दिया जायेगा। राज्य सरकार द्वारा अलग से 5 प्रतिशत तक ब्याज अनुदान का लाभ इस योजना में प्रत्येक हितग्राही को देने का निर्णय लिया गया है। यह अनुदान प्रत्येक त्रैमास के प्रारंभ में ही हितग्राही को दिया जाएगा। इस तरह से हितग्राही को स्वरोजगार के लिये 10 हजार रूपये तक का ब्याज मुक्त ऋण मिल सकेगा। मुख्यमंत्री असंगठित कामगार एकीकृत पोर्टल से लगभग 3 लाख पथ विक्रेताओं को जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है।