भोपाल । मध्य प्रदेश में सियासी संकट के बीच कमलाथ सरकार के लिए एक राहत भरी खबर भी सामने आई है। बीजेपी के विधायक नारायण त्रिपाठी ने पाला बदलते हुए कमलनाथ सरकार का हाथ थाम लिया है। सीएम कमलनाथ से मिलकर बाहर निकले नारायण त्रिपाठी ने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार ही रहेगी और कमलनाथ के पास बहुमत साबित करने के लिए पर्याप्त विधायक है। इसके बाद कयास लगाए जाने लगे कि क्या नारायण त्रिपाठी के साथ अन्य कुछ बीजेपी विधायक भी तो कमलनाथ के संपर्क में नहीं है।
मैहर से भाजपा विधायक नारायण त्रिपाठी 3 दिन में चौथी बार सीएम कमलनाथ से मिले। सीएम से मुलाकात के बाद बाहर आकर उन्होंने कहा, ''कमलनाथ सरकार को कोई खतरा नहीं है। कांग्रेस के पास पूर्ण बहुमत है।'' नारायण त्रिपाठी को भी मुख्यमंत्री कमलनाथ से मिले थे। जबकि रविवार को उनकी 2 बार और शनिवार को भी एक बार मुख्यमंत्री से मुलाकात हो चुकी है। उनका कहना है कि वह सिर्फ विकास के साथ हैं। अभी कमलनाथ सरकार है। जब नहीं होगी तो देखा जाएगा।
मध्य प्रदेश के सियासी संकट पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई तो सभी पक्षकारों राज्यपाल लालजी टंडन, मुख्यमंत्री कमलनाथ और विधानसभा स्पीकर एनपी प्रजापति को नोटिस देकर 24 घंटे में जवाब मांगा है। ये नोटिस ईमेल और वॉट्सऐप के जरिए भेजे जाएंगे। इसके साथ ही ईमेल पर बागी विधायकों की अर्जी और याचिका की कॉपी भी पक्षकारों को भेजी जाएगी। इस मामले में बुधवार को 10:30 बजे फिर सुनवाई होगी। लेकिन बुधवार को होने वाली सुनवाई से पहले ही कांग्रेस की तरफ से बेंगलुरु में ठहरे 22 विधायकों को वापस लाने के लिए शीर्ष अदालत में याचिका दायर की।
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई एक दिन के लिए टलने के बाद पूर्व सीएम और बीजेपी विधायक शिवराज सिंह चौहान राज भवन पहुंचे। शिवराज के साथ में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा और नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव भी मौजूद थे। बताया जा रहा है कि इन्होंने मध्य प्रदेश के सियासी हालात को लेकर राज्यपाल से मुलाकात की। शिवराज चौहान ने मीडिया से भी बात करते हुए कहा, ''स्थिति साफ है, प्रदेश में अल्पमत की सरकार है। हमने वर्तमान स्थिति के हिसाब से सभी विधायकों की राज्यपाल महोदय के सामने परेड करवा दी है। बेंगलुरु के सभी विधायक साथियों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वो अपनी मर्जी से हैं और इस सरकार के खिलाफ हैं। कमलनाथ जी टाइम खींचने की कोशिश कर रहे हैं। जाते-जाते जितनों को उपकृत करना है कर दो।'' इसी के साथ यह भी खबर सामने आ रही है कि मुख्यमंत्री कमलनाथ बुधवार सुबह 10 बजे मंत्रालय में कैबिनेट की बैठक लेंगे। कल सुप्रीम कोर्ट में मध्यप्रदेश विधानसभा में प्रोटेस्ट को लेकर सुनवाई भी है और उससे पहले सीएम रणनीति तैयार करेंगे।