इंदौर. शहर में कोरोना मरीजों की रिकवरी दर 64 फीसदी हो गई है, जबकि मृत्यु दर 4 फीसदी रह गई है। शहर में अब तक 48 हजार से ज्यादा सैंपल टेस्ट हो चुके हैं। इसमें करीब 8 प्रतिशत के औसत से पॉजिटिव मरीज सामने आए हैं। बाजार खुलने के बाद सप्ताह की पॉजिटिव मरीजों की दर 2 प्रतिशत के आसपास है।
यह जानकारी सोमवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की कोरोना समीक्षा बैठक में अफसरों ने दी। मुख्यमंत्री ने कलेक्टर मनीष सिंह से रिकवरी दर, मृत्यु दर, सैंपलिंग और टेस्टिंग से लेकर अस्पतालों में बेड्स की स्थिति को लेकर सवाल किए। कलेक्टर ने जवाब दिया कि अस्पतालों में बेड्स पर्याप्त हैं। सीएम ने कहा सैंपलिंग और टेस्टिंग बढ़ाएं। मृत्यु दर को और कम पर लाने की कोशिश जरूरी है। बाद में संवाददाताओं से चर्चा में सीएम ने कहा पहले लग रहा था कि पीक के दौरान मप्र में मरीजों की संख्या 83 हजार तक पहुंचेगी, लेकिन अब स्थिति नियंत्रण में है। इसलिए अब नहीं लगता कि पीक आएगा, पर हम हर स्थिति के लिए तैयार रहना चाहते हैं।
लॉकडाउन में 26 हजार करोड़ का नुकसान, प्रदेश की आर्थिक स्थित ठीक नहीं
प्रदेश और इंदौर में मरीज सामने आने की दर स्वस्थ होने की दर से कम है। अस्पतालों में औसतन तीन हजार मरीज ही भर्ती हैं फिर भी हम बेड्स की क्षमता बढ़ा रहे हैं। होम आइसोलेशन कॉन्सेप्ट पर भी काम हो रहा है। साेमवार को यह बात मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने संवाददाताओं से बातचीत में कही। चौहान ने कहा, प्रदेश की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है, लॉकडाउन में विविध गतिविधियां न होने से 26 हजार करोड़ का नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा, इंदौर व भोपाल में धर्मस्थल खोलने का फैसला संक्रमण अधिक होने से टाला, अब इंदौर में मंगलवार को आपदा प्रबंधन समूह की बैठक में इस पर निर्णय होगा। स्कूलों की फीस के मुद्दे पर वे बोले कि हमने स्कूलों से साफ कहा है कि वे केवल ट्यूशन फीस लेंगे। मैस, बस की फीस नहीं वसूल सकेंगे।
होश संभालने के समय से साथ हैं हम और कैलाश
सीएम ने कैलाश विजयवर्गीय के साथ संबंधों पर कहा कि हम लोगों के रिश्ते तब से हैं, जब से होश संभाला। कोई कुछ भी कहे, हमारे रिश्तों को नजर नहीं लग सकती। मंत्री नरोत्तम मिश्रा को लेकर बोले कि उनके साथ नाश्ता करने में क्या बुराई हो सकती है।
ये भी बोले- उद्योगपतियों से फिक्स चार्ज की वसूली बाद में, बिजली भी आधे किए
- फरवरी में कोरोना इंदौर आ गया था। दुबई की फ्लाइट की जांच नहीं हुई, उस समय तत्कालीन सरकार कोरोना की जगह आईफा पर बैठक करती रही।
- बिजली बिल हमने आधे कर दिए, बाकी की जांच होगी। उद्योगपतियों से फिक्स चार्ज वसूली बाद में किस्तों में होगी।
- कोविड मरीजों का सरकार फ्री उपचार कर रही है। जिन्हें निजी अस्पताल में उपचार करवाना है या जो सक्षम हैं, उनकी बात अलग है।
- एमवाय में जानबूझकर कोविड मरीज नहीं ले रहे, यहां संभाग के मरीज अन्य बीमारी के लिए आते हैं। मुंबई जैसे शहर में इसी कारण स्थिति बिगड़ी। अब हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर पर फोकस है।
- माफिया पर कार्रवाई में ढिलाई नहीं होगी। कांग्रेस ने एक-दो को छोड़ बाकी कार्रवाई में भाजपा कार्यकर्ताओं को निशाना बनाया।
सचिवालय को कांग्रेस सरकार ने दलालों का अड्डा बना दिया था- सीएम
सीएम ने कहा, कांग्रेस विचित्र पार्टी है, पहले जब सिंधिया उन्हें चेता रहे थे कि वादे पूरे करो, तब ध्यान नहीं दिया, अब आरोप लगा रही है। कांग्रेस ने जनता को धोखा दिया, मप्र के सचिवालय को कांग्रेस की सरकार ने दलालों का अड्डा बना दिया।