इंदौर, भोपाल. प्रदेश में अब भी 24 जिलों में 7.32 लाख मीट्रिक टन गेहूं खुले में पड़ा है। इस गेहूं पर मौसम के बदलते मिजाज के कारण संकट के बादल मंडरा रहे हैं। दैनिक भास्कर ने 33 जिलों में गेहूं की खरीदी और भंडारण की स्थिति की पड़ताल की तो सामने आया कि 11 जिले ऐसे हैं, जहां भंडारण की क्षमता से ज्यादा खरीदी हो चुकी है। 13 जिलों में अभी गोदाम फुल नहीं हुए, लेकिन परिवहन की दिक्कतें, बारदान और हम्मालों की कमी के कारण गेहूं गोदाम तक नहीं पहुंच पा रहा है। नौ जिलों में अब तक खरीदे गए गेहूं का भंडारण हो चुका है।
उज्जैन में 4.70 लाख मी. टन गेहूं बाहर भेजना पड़ा
उज्जैन में 4.70 लाख मी्. टन गेहूं बाहर भेजने के बाद भी करीब 55 हजार मी. टन खुले में पड़ा है। यहां परिवहन की समस्या है। धार जिले में 77 हजार मी. टन गेहूं पर भीगने का खतरा मंडरा रहा है। सीहोर जिले में एक लाख 17 हजार मीट्रिक टन गेहूं खुले में पड़ा है।
पहली बार गेहूं के परिवहन के लिए रेलवे रैक का उपयोग हुआ : मंत्री
-गोविंद सिंह राजपूत, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, सहकारित मंत्री के मुताबिक, अब तक 90% गेहूं सुरक्षित ढंग से गोदाम और वेयर हाउस तक पहुंचा चुके हैं। मंडियों में पड़ा गेहूं भी रोजाना ढोया जा रहा है। पहली बार रेलवे के रैक लिए हैं, जिससे एक जिले से दूसरे जिले में परिवहन कर रहे हैं। भरोसा है कि हम मानसून आने से पहले प्रदेशभर का सारा गेहूं सुरक्षित रूप से स्टोर कर लेंगे।
रखने की क्षमता है, लेकिन उठाने की दिक्कत
सागर, छतरपुर, मंदसौर, होशंगाबाद, बैतूल, हरदा, झाबुआ, देवास, अशोकनगर, रायसेन, शिवपुरी, दतिया, ग्वालियर में भंडारण क्षमता से कम खरीदी हुई, फिर भी गेहूं खुले में पड़ा है। सागर में 63 हजार मी.टन गेहूं गोदाम तक नहीं पहुंच पाया है।