प्रदेश के मुख्यमंत्री की मंशा पर खरा नहीं उतर पा रहा आबकारी विभाग
रतलाम। प्रदेश सरकार के मुखिया जहां एक और नशाखोरी पर पांबदी लगाने और नशे का कारोबार करने वाले माफियाओं पर शिकंजा कसने का प्रयास कर रहे वही जिस विभाग को मुखिया की मंशा पर खरा उतराना है वो अपने पद का दुरुपयोग करने से बाज नही आ रहे है।
हम बात कर रहे है रतलाम जिले की आबकारी अधिकारी नीरजा श्रीवास्तव की।नीरजा श्रीवास्तव जब से रतलाम जिले में पदस्थ हुई है वे शासन-प्रशासन के निर्देशों को दरकिनार करते हुए विभागीय कार्यो में रुचि नही लेती है। यही कारण है कि पिछले माह आयोजित मुख्यमंत्री की वीसी के दौरान गैर हाजिर रहने के कारण इनका एक दिवसीय वेतन काटा गया वही हाल ही में कलेक्टर की बैठकों को दरकिनार करने के कारण इन्हे शोकाज नोटिस दिया गया है। अब सवाल ये उठता है कि जब आबकारी विभाग का अफसर ही शासन प्रशासन के निर्देशों की अवहेलना करता रहेगा तो इनके अधीन काम करने वाले अधिकारी-कर्मचारी नशे के खिलाफ छिड़ी जंग को कैसे जीत में बदल पाएगे।
अब तक नही हुई कोई बडी कार्यवाही
प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश के बाद भी शराब माफिया पर कोई बड़ी कार्रवाई नहीं होना यह दर्शाता है कि आबकारी और शराब माफिया के बीच कितना अच्छा तालमेल है इसी का परिणाम है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा शराब माफियाओं के खात्मे के लिए चलाए जा रहे अभियान का रतलाम में कोई बड़ा असर देखने को नहीं मिला है। आबकारी विभाग द्वारा सिर्फ छोटी मोटी कार्रवाई कर प्रकरणों की लंबी लिस्ट तैयार कर वाहवाही लूटकर अपनी पीठ थपथपा ली और अखबार में प्रेस नोट जारी कर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के अभियान को सफल साबित करने का ढिंढोरा पिट दिया।