भोपाल। प्रदेश में किसानों को खाद मिलने में हो रही परेशानी को देखते हुए सरकार ने कमजोर वित्तीय स्थिति वाले जिला सहकारी केंद्रीय बैंक को और कालातीत समितियों के नियमित किसानों को नकद में खाद विक्रय करने का निर्णय लिया है। सहकारिता विभाग ने सभी कलेक्टरों को निर्देश दिए हैं कि नियमित सदस्यों के साथ-साथ समय पर ऋण न चुकाने वाले कालातीत सदस्यों को भी नकद में खाद दी जाए। यह व्यवस्था केवल ग्वालियर, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, होशंगाबाद और हरदा जिले में रबी सीजन 2022-23 की शेष अवधि के लिए लागू होगी।
सहकारिता विभाग के प्रमुख सचिव केसी गुप्ता ने गुरुवार को कलेक्टर को दिए निर्देश में कहा कि कमजोर वित्तीय स्थिति वाले जिला सहकारी केंद्रीय बैंक और कालातीत प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों के नियमित किसानों को नकद में खाद देने का निर्णय लिया गया है।
दरअसल, राज्य सहकारी विपणन संघ (मार्कफेड) से खाद लेने के बाद राशि न देने के कारण समितियां कालातीत हो गई हैं। इन्हें खाद नहीं मिलने के कारण किसानों को परेशानी हो रही थी। इसे देखते हुए सरकार ने मार्कफेड से उधार में खाद दिलाने का निर्णय लिया था। इसके बाद भी मार्कफेड के नकद विक्रय केंद्रों पर लग रही किसानों की भीड़ को देखते हुए नकद में खाद का वितरण करने का निणर््ाय किया है।