भोपाल । कांग्रेस छोड़कर जा रहे नेताओं को लेकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ ने खरी-खरी सुनाई है। उन्होंने कहा कि जो पार्टी छोड़कर जाना चाहता है तो जाए, मैं किसी को रोकूंगा नहीं। यदि किसी को भाजपा में अपना भविष्य दिख रहा है, तो वह जा सकता है।
प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में मीडिया से चर्चा करते हुए कमल नाथ ने अरुणोदय चौबे के पार्टी छोड़ने पर कहा कि वे पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव में पार्टी विरोधी काम कर रहे थे। हमने उन्हें निष्कासित करने की तैयारी कर ली थी। वह अपने आप को बचाना चाह रहे हैं। उनके ऊपर दबाव है और कई प्रकरण दर्ज हुए हैं। भाजपा दबाव और प्रभाव की राजनीति कर रही है। जिसे जाना हो वह जाए, मैं किसी को रोकूंगा नहीं और चाहेंगे तो छोड़ने के लिए अपना वाहन भी दे दूंगा।
प्रदेश प्रतिनिधियों के चयन को लेकर उठ रहे सवाल पर कहा कि मैं किसी को खुश करने के लिए कोई काम नहीं करता हूं। जो कांग्रेस के हित में होता है, वही निर्णय लेता हूं। उन्होंने भाजपा पर आदिवासियों को उप जातियों में बांटने का आरोप लगाते हुए कहा कि आज भील-भिलाला, गोंड-कोरकू को बांटने के प्रयास हो रहे हैं। इसी हम सफल नहीं होने देंगे। आदिवासियों के बीच जाकर भाजपा सरकार के षड्यंत्र को उजागर करेंगे।
मध्याह्न भोजन में गड़बड़ी को लेकर शिवराज सरकार पर साधा निशाना
पोषण आहार वितरण में गड़बड़ी के बाद अब मध्याह्न भोजन योजना में अनियमिता का मामला सामने आ गया है। इस मुद्दे पर कमल नाथ ने शिवराज सरकार पर हमला बोलते हुए रविवार सुबह एक के बाद एक चार ट्वीट ककिए। कमल नाथ ने लिखा कि किस प्रकार से सरकारी योजनाओं में फर्जीवाडे व भ्रष्टाचार का खेल चल रहा है, किस प्रकार से यह सारी योजनाएं कागजों पर चल रही है, इसके प्रमाण समय-समय पर सामने आते रहे हैं। पोषण आहार के नाम पर किस प्रकार से प्रदेश में फर्जीवाड़ा किया गया। उत्पादन ,परिवहन व वितरण के नाम पर जमकर भ्रष्टाचार किया गया। जितना उत्पादन हुआ नहीं, जिसका परिवहन हुआ ही नहीं ,जिसका वितरण हुआ नहीं, वह सभी कागजों पर बता कर करोड़ों रुपए डकार लिए गये। हम शुरू से कह रहे है कि मध्याह्न भोजन के नाम भी वर्षों से गड़बड़झाला चल रहा है। अब सरकार के जिम्मेदार खुद उसकी सच्चाई को सामने ला रहे हैं। पता नहीं सरकार कब इसकी सच्चाई को स्वीकार करेगी। मध्याह्न भोजन के वितरण का मामला बेहद गंभीर है। मैं सरकार से मांग करता हूं कि इसकी भी उच्चस्तरीय जांच हो, इस योजना में भी फ़र्ज़ीवाड़ा बंद हो, इसके दोषियों पर कड़ी कार्रवाई हो।