उज्जैन। राजाधिराज भगवान महाकाल का खजाना भक्तों की भेंट से भर गया है। बीते एक साल में मंदिर समिति को विभिन्न स्रोतों से भेंट के रूप में 81 करोड़ रुपये से अधिक राशि प्राप्त हुई है। बीते पांच सालों में प्राप्त धन राशि का यह सर्वाधिक आंकड़ा है। यहीं नहीं भक्तों ने भगवान महाकाल को सोने, चांदी के आभूषण व पात्र भी दिल खोलकर अर्पित किए हैं। इनका अनुमानित मूल्य सवा करोड़ रुपये से अधिक बताया जा रहा है। मंदिर प्रशासन का अनुमान है कि वित्तीय वर्ष पूरा होने तक दान राशि 100 करोड़ रुपये को पार कर लेगी।
मध्य प्रदेश शासन ने महाकाल मंदिर में एक दशक बाद राज्य वित्त सेवा के अधिकारी गणेश कुमार धाकड़ की स्थायी प्रशासक के रूप में नियुक्ति की है। प्रशासक धाकड़ ने बताया पदभार संभालने के बाद कलेक्टर आशीष सिंह के मार्गदर्शन में कम समय में व्यवस्थाओं का सुदृढीकरण किया गया। इसके सार्थक परिणाम सामने आए, अच्छी व्यवस्था देखकर लगातार भक्तों की संख्या बढ़ती गई। भक्तों ने भगवान के चरणों में दिल खोलकर भेंट अर्पित की, इसी का परिणाम हैं कि 1 सितंबर 2021 से 15 सितंबर 2022 तक भक्तों की भेंट, लड्डू प्रसाद की बिक्री तथा धर्मशाला के किराए से 81 करोड़ 71006 रुपये प्राप्त हुए हैं। इस अवधि में 34 लाख 91 हजार 934 रुपये मूल्य का सोना तथा 88 लाख 68 हजार 716 रुपये मूल्य की चांदी प्राप्त हुई है।
किस वर्ष कितना दान आया
वर्ष 2016-17
1 सितंबर 2016 से 30 अगस्त 2017
- दान से प्राप्त : 173157190
- लड्डू प्रसाद : 108871647
- धर्मशाला : 4262839
कुल : 286291676
वर्ष 2017-18
1 सितंबर 2017 से 30 अगस्त 2018
- दान से प्राप्त : 237699430
- लड्डू प्रसाद : 130229675
- धर्मशाला : 3012931
कुल : 370942036
वर्ष 2020-21
1 सितंबर 2020 से 30 अगस्त 2021
- दान से प्राप्त : 247574493
- लड्डू प्रसाद : 154083881
- धर्मशाला : 2891291
कुल : 404549665
वर्ष 2021-22
1 सितंबर 2021 से 15 सितंबर 2022
- दान से प्राप्त : 533043491
- लड्डू प्रसाद : 272502070
- धर्मशाला : 4525445
कुल : 810071006
आय बढ़ी तो नई सुविधा शुरू की
मंदिर प्रशासन ने आय बढ़ने पर श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए नई योजनाएं भी शुरू की है। इससे दर्शनार्थी लाभान्वित होकर खुश हैं। जिन प्रकल्पों में सुविधाएं शुरू की गई है, भक्त इन योजनाओं में भी दान कर रहे हैं।
- अन्नक्षेत्र : भक्तों के लिए प्रतिदिन सुबह 6 बजे से निःशुल्क चाय,पोहा,खिचड़ी आदि की सुविधा शुरू की गई है।
- सशुल्क दर्शन : भक्तों को गर्भगृह में प्रवेश के लिए निःशुल्क पोशाक उपलब्ध कराई जा रही हैं। मंदिर प्रशासन पुरुषों को सोला तथा महिलाओं को साड़ी उपलब्ध करा रहा है।
धर्मशाला : मंदिर प्रशासन की हरसिद्धि धर्मशाला के नौ कक्षों का रिनोवेशन कराया गया है। भक्तों को नाम मात्र शुल्क पर फाइव स्टार जैसी सुविधा दी जा रही है।