भोपाल/उमरिया. बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में शनिवार को मेडरा बीड में एक बाघ शावक का शव बरामद किया गया। मृत बाघ की उम्र आठ माह बताई गई है। यहां एक माह में तीसरे बाघ की मौत है। इस शावक को मिलाकर प्रदेश में एक महीने के अंदर 9 बाघों की मौत हो गई है। इनमें एक बाघ की मौत अपने टेरटरी को लेकर दूसरे बाघ से लड़ाई में हुई है। दो बाघों की मौत बीमारी से बताई जा रही है। इसके बाद बाकी के जो शव मिले हैं वे सड़ी-गली हालत में मिले हैं।
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के सूत्रों ने बताया कि आज हाथी गश्त के दौरान खितौली परिक्षेत्र के मेड़रा बीड अंतर्गत आरएफ 494 में बाघ शावक का शव मिला। मृत बाघ शावक की उम्र 8 माह है। बाघ शावक की मौत किन कारणों से हुई, यह शव परीक्षण के बाद ही पता चलने की बात कही जा रही है। घटनास्थल पर बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद है।
सभी की उम्र 10 वर्ष के नीचे
इन सभी बाघों की उम्र 10 साल से कम बताई जा रही है। हालांकि, लगातार हो रही बाघों की मौत ने वन विभाग के अफसरों को चिंता में डाल दिया है। इस वर्ष जनवरी से मार्च तक एक भी बाघ की मौत नहीं हुई है। इसके बाद लगातार बाघों की मौतें हो रही हैं। बीते बुधवार को एक साथ दो बाघों की मौत हुई है। इनमें एक बाघ की मौत बाघवगढ़ टाइगर रिजर्व और दूसरे बाघ की मौत मुकुंदपुर जू में हुई है। अचानक इस माह में बाघों की हो रही मौतों के संबंध में विभाग ठोस कारण नहीं निकल पाया है।
बांधवगढ़ में सबसे ज्यादा मौत
सबसे ज्यादा बाघों की मौते बांधवगढ़ नेशनल पार्क में हुई हैं, जबकि दूसरे नंबर पर कान्हा नेशनल पार्क है। जबकि, एक बाघ की मौत महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश की सीमा में बुरहानपुर के सामान्य वन मंडल में हुई है। बताया जाता है कि बांधवगढ़ में जहां बाघ ने एक किशोरी पर हमला कर उसे मौत के घाट उतारा था, वहीं बाघ का शव मिला है। इससे उसे जहर देने की भी आशंका जताई जा रही है। सूत्रों के अनुसार, सतना जू ने सीजेडए को बाघिन के मौत की जानकारी नहीं दी है।
अब तक बाघों के मौत का आंकड़ा
- 1 अप्रैल को कान्हा में
- 3 अप्रैल को पेंच में
- 9 अप्रैल को बांधवगढ़ में
- 11 अप्रैल को बुरहानपुर में
- 13 अप्रैल को कान्हा में
- 17 अप्रैल को चित्रकूट में
- 22 अप्रैल को बांधवगढ़ में
- 22 अप्रैल को मुकुंदपुर जू, सतना
- 02 मई को बांधवगढ़ में
- (सतना जू ने सीजेडए को बाघिन के मौत की जानकारी नहीं दी है।)