महिलाओं ने कहा - राहत के नाम पर आधा लीटर तेल, एक किलो चावल, एक किलो दाल से कब तक चूल्हा जलेगा

Posted By: Himmat Jaithwar
4/28/2020

इंदौर. कोरोना संक्रमण के चलते देशभर में लॉकडाउन है। ऐसे में कई लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बैंक से पैसे नहीं निकाल पाने के कारण उनके पास राशन और दवा की दिक्कत हो रही है। मंगलवार को भी द्वारकापुरी थाना क्षेत्र में जरूरतमंद महिलाएं जनधन खाते से रुपए निकालने के लिए सैकड़ों की संख्या में बैंक पहुंचीं। ऋषि नगर स्थित एक बैंक के बाहर उमड़ी महिलाओं की भीड़ के कारण यहां सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कोसों दूर दिखाई दिया। महिलाओं का कहना था कि राहत सामग्री जो मिली उससे कब तक चूल्हा जलेगा। जो रुपए मोदी जी ने खाते में डाले उसे भी नहीं निकाल पा रहे हैं। 

रुपए निकालने आई सुनीता ने अपना दर्द बताते हुए कहा कि राहत के नाम पर एक किलो दाल, एक किलो चावल और आधा लीटर तेल दे दिया। इससे हमारा क्या होगा। हमें पता चला है कि हमारे जीरो बैलेंस वाले खाते में नरेंद्र मोदी जी ने रुपए डलवाए हैं। उसी रुपए को निकालने के लिए तीन-चार दिन से बैंक के चक्कर लगा रहे हैं। रोज सुबह 6 बजे से आकर लाइन में लग जाते हैं। बैंकवाले कहते हैं बाई थोड़ी देर बाद आना, शाम को आना, कल आना... इसी के चलते हम चक्कर लगाते जा रहे हैं, लेकिन रुपए नहीं मिल रहे हैं।

रुपए निकालने बैंक आई नेहा ने बताया कि यहां जनरल खाते के रुपए निकालने के लिए 15 दिन से चक्कर काट रहे हैं। यहां पर कुछ लोगों के ही रुपए निकल रहे हैं। राेज सुबह से 50 से 60 महिलाएं रुपए निकालने के लिए लाइन में लग जाती हैं। लेकिन रुपए कुछ काे ही मिल पाते हैं। मोदी जी ने संकट की इस घड़ी में 500 रुपए खाते में डाले, लेकिन उसे जब निकाल ही नहीं पा रहे हैं तो वो रुपए हमारे किस काम के।

वक्त पर नहीं मिल रही पेंशन

  • 66 वर्षीय रत्ना सोनी ने बताया कि वर्ष 2017 में उनके पति का निधन हो गया था। लॉकडाउन के कारण वह बैंक से रुपए नहीं निकल पा रही हैं इस कारण ना तो राशन खरीद पा रही हैं ना ही दवाई।
  • 75 वर्षीय संगीता नामक महिला ने बताया कि वह एक कॉलेज में अकाउंट ऑफिसर के पद पर पदस्थ थीं। रिटायर्ड होने के बाद उनकी पेंशन के पैसे समय पर नहीं मिल रहे हैं, इसलिए खर्च करने में परेशानी हो रही है।
  • 76 वर्षीय विद्या देवी अपने घर में अकेली रहती हैं। बेटा उनसे अलग हो गया है। अकेले होने के कारण काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। इसकी जानकारी मिलने पर जिए संस्था ने उनकी मदद की।





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