उपार्जित गेहूँ के परिवहन के सभी जिलों में पुख्ता बंदोबस्त 51 जिलों को 179 सेक्टर में बाँटा गया

Posted By: Himmat Jaithwar
4/23/2020

रतलाम।  प्रदेश में रबी उपार्जन - 2020 में उपार्जित गेहूँ के परिवहन के लिये सभी जिलों में पुख्ता बंदोबस्त किये गये हैं। इसके लिये जिलों को 179 सेक्टर्स में बाँटा गया है। परिवहन की जिम्मेदारी राज्य नागरिक आपूर्ति निगम और मार्कफेड को सौंपी गई है। प्रमुख सचिव खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्त संरक्षण श्री शिवशेखर शुक्ला ने बताया कि इस सीजन में उपार्जित गेहूँ के परिवहन की व्यवस्था को सुदृढ़ बनाया गया है।

प्रमुख सचिव श्री शुक्ला ने बताया कि इस बार रबी उपार्जन में 110 लाख मीट्रिक टन गेहूँ उपार्जन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस वर्ष कोरोना संक्रमण के कारण गेहूँ की कटाई से लेकर खरीदी कार्य में देरी हुई है। आगामी जून माह में मानसून की संभावना को देखते हुए उपार्जित गेहूँ को तत्परता के साथ खरीदी केन्द्रों से उठाकर गोदाम तक पहुँचाने के लिये परिवहन व्यवस्था को सुदृढ़ बनाया गया। परिवहन कार्य पर नियंत्रण और समय की बचत के उद्देश्य से सभी प्रक्रिया ऑनलाइन की गई है।

प्रदेश में लगभग 5 हजार खरीदी केन्द्रों से उठाव के लिये संभागवार एजेंसियों का निर्धारण किया गया है। म.प्र. राज्य सिविल सप्लाई कॉर्पोरेशन लिमि. को चार संभाग नर्मदापुरम (होशंगाबाद), भोपाल, ग्वालियर और सागर के 21 जिलों में परिवहन की जिम्मेदारी दी गई है। राज्य नागरिक आपूर्ति निगम द्वारा इन जिलों को 93 सेक्टर में बाँट कर परिवहनकर्ताओं की नियुक्ति की गई है। मार्कफेड को 5 संभाग इंदौर, उज्जैन, रीवा, शहडोल और जबलपुर के 30 जिलों में परिवहन का दायित्व सौंपा गया है। मार्कफेड ने परिवहन व्यवस्था को सुचारु ढंग से क्रियान्वयन के लिये 86 सेक्टर बनाये हैं।

वैकल्पिक व्यवस्था
प्रमुख सचिव श्री शुक्ला ने बताया कि परिवहन का वैकल्पिक प्लान भी तैयार किया गया है। इससे समय पर उठाव सुनिश्चित होगा। उन्होंने कहा कि प्रथम निविदाकार द्वारा कार्य न करने पर कलेक्टर की अनुमति से नियमित दरों पर दूसरे परिवहनकर्ता से उठाव कराया जा सकेगा। इसके लिये परिवहनकर्ता से प्रतिभूति राशि जमा कराई जायेगी। निविदाकार को सात दिन में निगम के साथ अनुबंध करना होगा। कार्य आदेश जारी होने के तीन दिन में कार्य प्रारंभ करना आवश्यक होगा। यदि द्वितीय निविदाकार द्वारा भी कार्य नहीं किया जाता है, तो द्वितीय परिवहनकर्ता की न्यूनतम दर पर कार्य परिवहनकर्ता की "जोखिम एवं खर्च'' (रिस्क एण्ड कास्ट) पर अन्य फर्म से काम कराया जा सकेगा। कार्य न करने वाली फर्मों को 5 साल के लिये प्रतिबंधित करने का प्रावधान भी रखा गया।



Log In Your Account