भोपाल। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि इंदौर सहित प्रदेशभर में व्यापक रूप से कोरोना टेस्टिंग की गई है, जिसके कारण शुरुआत में आंकड़े ज्यादा दिखाई दे रहे हैं, परंतु शीघ्र ही हम इस बीमारी पर प्रभावी नियंत्रण एवं विजय पा लेंगे। हमने सभी संक्रमित क्षेत्रों को सील कर वहां व्यापक सर्वे करवाया है, जिससे कोई भी संक्रमित व्यक्ति टेस्ट से छूटे नहीं और संक्रमण पूरी तरह से रुक जाए। प्रदेश में कोरोना के इलाज की भी सर्वोत्तम व्यवस्था की गई है। मुख्यमंत्री श्री चौहान फेसबुक लाइव के माध्यम से मंत्रालय में प्रदेश की जनता को संबोधित कर रहे थे।
नहीं थी कोरोना संबंधी व्यवस्थाएं
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि जब उन्होंने प्रदेश में मुख्यमंत्री के रूप में अपना कार्यभार ग्रहण किया, तब प्रदेश में कोरोना टेस्टिंग आदि की कोई व्यवस्था नहीं थी जबकि इंदौर में यह बीमारी फरवरी-मार्च में ही फैल चुकी थी। हमने सारी व्यवस्थाएं बनाईं, सिस्टम खड़ा किया। निरंतर अपनी टेस्टिंग क्षमता बढ़ाई। आज प्रदेश में 9 लैब टेस्टिंग का कार्य कर रहे हैं।
व्यापक सर्वे और टेस्टिंग
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में हमने व्यापक सर्वे और टेस्टिंग के माध्यम से 405 संक्रमित क्षेत्रों की पहचानकर उन्हें पूर्ण रूप से सील कर दिया है। इन संक्रमित क्षेत्रों में कुल 27 लाख 54 हज़ार व्यक्ति रह रहे हैं, जिनमें से 18 लाख 14 हज़ार व्यक्तियों का सर्वे कार्य पूर्ण कर लिया गया है। इन सभी क्षेत्रों में व्यापक रूप से कोरोना टेस्टिंग की गई है।
टेस्टिंग पर विशेष ध्यान
मुख्यमंत्री चौहान ने बताया कि हमने प्रदेश में कोरोना की टेस्टिंग पर विशेष ध्यान दिया है। अभी तक प्रदेश में 17 हजार 650 कोरोंना टेस्ट के लिए सैंपल लिए गए हैं, जिनमें से 1307 पॉजिटिव पाए गए हैं। प्रभावित इलाकों में कांटेक्ट ट्रेसिंग एवं स्क्रीनिंग का कार्य गहनता से किया जा रहा है। टेस्टिंग सैंपल्स विशेष विमान से दिल्ली भी भेजे गए, जिससे त्वरित रिजल्ट मिल सके।
इंदौर में 5120 टेस्ट
मुख्यमंत्री ने बताया कि शासन द्वारा इंदौर पर विशेष ध्यान दिया गया है। पूरे इंदौर शहर को 11 जोन में बांटकर अधिकारियों को तैनात किया गया है। वहां 419 सर्वे टीम के माध्यम से 4 लाख व्यक्तियों का कोरोना संबंधी सर्वे पूरा किया जा चुका है। इंदौर शहर में 65 मेडिकल मोबाइल टीम कार्य कर रही हैं। इंदौर में अभी तक 5120 सैंपल लिए गए हैं। वहां सैंपल लेने की दर 2000 व्यक्ति प्रति 10 लाख है, जो अच्छी है।
कोरोना से बचाव एवं इलाज के पुख्ता इंतजाम
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में कोरोना से बचाव एवं इलाज के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। हमारे पास पर्याप्त संख्या में टेस्टिंग किट्स, पीपीई किट्स, 95 मास्क, हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन की गोलियां, ऑक्सीजन सिलेंडर आदि हैं। प्रदेश में 246 कोविड केअर सेन्टर, 63 डेडिकेटेड कोविड हैल्थ सेन्टर तथा 25 डेडीकेटेड कोविड अस्पताल बनाए गए हैं, जहां कुल आइसोलेशन बेड की उपलब्धता 29 हजार 975 तथा डेडीकेटेड अस्पतालों में कुल आईसीयू बेड की उपलब्धता 840 है, वेंटीलेटर्स की संख्या 993 है।
स्वस्थ हो रहे हैं कोरोना प्रभावित मरीज़
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश के जबलपुर, ग्वालियर, मुरैना शिवपुरी आदि जिलों में हमने कोरोना पर प्रभावी नियंत्रण पाया है। शिवपुरी में अब एक भी कोरोना संक्रमित मरीज नहीं है। प्रदेश में बड़ी संख्या में कोरोना प्रभावित मरीज ठीक होकर घर जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना बीमारी लाइलाज नहीं है यदि इसका समय से पता चल जाए, तो यह ठीक हो जाती है। उन्होंने नागरिकों से कहा कि थोडे़ भी लक्षण हों, तो टेस्ट अवश्य करवाएं। साथ ही, संक्रमण रोकने के लिए लॉक डाउन एवं सोशल डिस्टेंसिंग का सख्ती से पालन करें।
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति सभी क्षेत्रों में सुनिश्चित की गई है। गरीबों, मजदूरों आदि के लिए भोजन, खाद्यान्न आदि की व्यवस्था की गई है। बाहर से मध्यप्रदेश में आए मजदूरों के लिये भोजन के साथ-साथ आवास की व्यवस्था भी की गई है। इन व्यवस्थाओं के लिए वरिष्ठ अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है।
किसान बिलकुल चिंता न करें
मुख्यमंत्री ने बताया कि मध्यप्रदेश में गेहूं उपार्जन का कार्य 15 अप्रैल से प्रारंभ कर दिया गया है। इसके लिए प्रदेश में 4400 खरीदी केंद्र बनाए गए हैं। गेहूं उपार्जन के साथ ही सरसों, चना तथा मसूर भी खरीदा जा रहा है। किसान चिंता बिल्कुल न करें हम उनकी पूरी उपज खरीदेंगे।
जिला एवं जनपद अध्यक्षों/ सदस्यों का कार्यकाल बढ़ाया गया
मुख्यमंत्री ने बताया कि संकट के समय जिला पंचायतों एवं जनपद पंचायतों के अध्यक्ष एवं सदस्यों का जनता की सहायता में सक्रिय सहयोग लिया जा सके, इसके लिए उनके कार्यकाल को बढाया गया है।
स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को हर माह 10 हजार रुपये सेवा राशि
मुख्यमंत्री ने बताया कि हमने यह भी निर्णय लिया है कि जो स्वास्थ्य कार्यकर्ता सीधे कोरोना मरीजों के इलाज में लगे हैं, उन्हें 10 हज़ार रुपये की सेवा राशि हर माह दी जाए। कोरोना मरीजों की सेवा में लगे अन्य विभागों के कर्मचारी भी यदि संक्रमित होते हैं तो उन्हें भी 10 हज़ार सेवा राशि दी जाएगी।